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डीआरटी ने विजय माल्या को दिया झटका, 515 करोड़ रुपये की रकम निकालने पर रोक

शराब कारोबारी विजय माल्या को एक बड़ा झटका देते हुए सोमवार को ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ने कारोबार से हटने के लिए उन्हें डियाजियो से मिलने वाली 7.5 करोड़ डॉलर (515 करोड़ रुपये) की राशि की निकासी पर रोक लगा दी है।
NDTV Profit हिंदीReported by Bhasha
NDTV Profit हिंदी07:52 PM IST, 07 Mar 2016NDTV Profit हिंदी
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शराब कारोबारी विजय माल्या को एक बड़ा झटका देते हुए सोमवार को ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ने कारोबार से हटने के लिए उन्हें डियाजियो से मिलने वाली 7.5 करोड़ डॉलर (515 करोड़ रुपये) की राशि की निकासी पर रोक लगा दी है। भारतीय स्टेट बैंक के साथ किंगफिशर एयरलाइंस के ऋण चूक मामले के निपटने तक यह रोक जारी रहेगी।

न्यायाधिकरण के जज बेनाकनाहल्ली ने डियाजियो और यूनाइटेड स्पिरिट पर अस्थायी रूप से यह राशि माल्या को देने से रोक लगाई है। डीआरटी ने अपने आदेश में कहा है कि भारतीय स्टेट बैंक द्वारा 2013 में दायर मूल अपील के निपटान तक यह राशि जब्त रहेगी। एसबीआई की याचिका को स्वीकार करते हुए डीआरटी ने डियाजियो पर माल्या को यह राशि दिए जाने से रोक दिया है। इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 28 मार्च तय की गई है।

एसबीआई ने डियाजियो से माल्या को मिलने वाले 7.5 करोड़ डॉलर पर ऋणदाताओं के पहले अधिकार को लेकर डीआरटी से हस्तक्षेप की अपील की थी। एक समझौते के तहत माल्या देश की प्रमुख शराब कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट के चेयरमैन पद से हटने को तैयार हो गए और इसी के तहत उन्हें यूनाइटेड स्पिरिट की नई मालिक डियाजियो से यह राशि मिलनी है।

एसबीआई ने तीन आवेदन दायर किए हैं। इनमें एक माल्या को गिरफ्तार करने और उनके पासपोर्ट को जब्त करने संबंधी आवेदन है। इसके अलावा एसबीआई ने ऋण में चूक के लिए माल्या पर कार्रवाई के लिए भी डीआरटी में अर्जी दी है। एसबीआई के तीनों आवेदनों पर 28 मार्च को सुनवाई होगी।

इस आदेश से कुछ घंटे पहले ही माल्या ने कहा था कि वह बैंकों के साथ किंगफिशर एयरलाइंस पर बकाया ऋण के एकबारगी निपटान के लिए बातचीत कर रहे हैं। रविवार रात जारी बयान में माल्या ने यह भी कहा कि उनका अपने ऋणदाताओं से बचकर भागने का इरादा नहीं है। एसबीआई की अगुवाई में 17 बैंकों के गठजोड़ ने ठप पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस को ऋण दिया था। इन बैंकों को एयरलाइंस से 7,800 करोड़ रुपये की वसूली करनी है। एसबीआई को एयरलाइंस से 1,600 करोड़ रुपये वसूलने है। जनवरी, 2012 से एयरलाइंस ने ऋण के लिए कोई भुगतान नहीं किया है।

माल्या ने हाल में यूनाइटेड स्पिरिट के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया। इस कंपनी का गठन उनके परिवार द्वारा किया गया था। इसकी बहुलांश हिस्सेदारी उन्होंने डियाजियो को बेच दी थी। यह सौदा ऐसे समय किया गया, जब एसबीआई सहित कम से कम तीन बैंकों ने किंगफिशर एयरलाइंस, माल्या और उनके समूह की होल्डिंग यूनाइटेड ब्रूवरीज होल्डिंग लि. को जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाला यानी विल्फुल डिफाल्टर घोषित किया है। इससे पहले डीआरटी ने 4 मार्च को दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

एयरलाइन को कर्ज देने वाले बैंकों के गठजोड़ में पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, फेडरल बैंक, यूको बैंक और देना बैंक शामिल हैं। पिछले साल एसबीआई ने माल्या को जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाला यानी विल्फुल डिफाल्टर घोषित किया था। पिछले महीने पीएनबी ने भी माल्या को जानबूझकर चूक करने वाले घोषित किया है। डियाजियो को माल्या को 4 करोड़ डॉलर का भुगतान तत्काल करना है। शेष राशि का भुगतान समान किस्तों में अगले पांच साल में किया जाना है। इसके अलावा सौदे के तहत माल्या को कंपनी में कथित वित्तीय खामियों से संबंधित सभी देनदारियों से भी मुक्त किया गया है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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