आर्थिक तंगी से जूझ रहे कारोबारी विजय माल्या ने अखबार फाइनेंसियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में भले ही बैंकों के साथ मामले को 'निपटाने' की इच्छा जताई हो, लेकिन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा है कि इस इच्छा का परीक्षण अभी बाकी है।
फ्रैंकपर्ट में एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) की वार्षिक बैठक से इतर NDTV को एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में SBI प्रमुख ने कहा, 'इस बारे में इच्छा जताई गई है, हमें इसे परखना होगा। मैं असली कैश देखना चाहती हूं, मैं कोई अगर-मगर नहीं चाहती हूं।' विजय माल्या का कहना है कि उन्होंने बैंकों को एक बेहद गंभीर प्रस्ताव की पेशकश की थी लेकिन SBI प्रमुख ने कहा कि यह प्रस्ताव इसलिए खारिज किया गया क्योंकि हमें उनकी लोन के भुगतान की क्षमता को लेकर संदेह था। हम यह नहीं समझ पा रहे कि वे लोन का भुगतान करेंगे कैसे।
उन्होंने कहा कि जब तक हमें किसी व्यक्ति की संपत्ति का पता नहीं हो, हम उसकी भुगतान क्षमता का आकलन कैसे कर सकते हैं। यह हम उनसे समय-समय पर और बार-बार पूछ रहे हैं। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट से हमें यह जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि भुगतान क्षमता और ऋण मूल्य के आकलन के बाद बैंक इस मामले का एक बार में निपटारे (वन टाइम सेटलमेंट) तक पहुंच जाएंगे। वो इस बारे में फैसला करेंगे कि यह वह अधिकतम राशि है, जो उन्हें मिल सकती है।