बैंकों में कई प्रकार के खाते होते हैं. अमूमन आम नागरिक खातों के प्रकार और उन पर मिलने वाली सुविधाओं के बारे में नहीं जानता. देखा तो यह भी गया है कि बैंक के अधिकारी और कर्मचारी भी इस बारे में ज्यादा जानकारी लोगों को नहीं देते हैं. कई बार तो जरूरत पर भी अपने ग्राहकों को सही राह नहीं दिखाते हैं. जो है, सो है, जो चल रहा है, वो चल रहा है. यही मूलमंत्र बैंक कर्मियों का देखने को मिलता है. यह अलग बात है कि बैंक अपनी प्रगति के लिए कई प्रकार के खातों की सुविधा देता है ताकि बैंक का प्रचार-प्रसार हो और लोगों के बीच बैंक की पकड़ मजबूत हो. बैंक की ऐसी छवि बैंक की अपनी प्रगति में सहायक होती है.
पिछले कुछ दिनों कई लोगों को एसएमएस आ रहे हैं कि वे बैंक में बीएसबीडीए (BSBDA) खाता खुलवाएं. इस खाते का नाम सुनकर लोग आश्चर्य में पड़ जाते हैं कि आखिर यह खाता क्या है. इस खाते का पूरा नाम क्या है. इसका क्या फायदा है, कौन इसे खोल सकता है, इस खाते में क्या सुविधाएं हैं. इन्हीं सब प्रश्नों के जवाब आज हम यहां लाए हैं. यह सारे जवाब और प्रश्न आरबीआई के हवाले से दिए जा रह हैं.
1. 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' (बीएसबीडीए) की परिभाषा क्या है?
वर्तमान के उन सभी 'नो फ्रील' खातों को बीएसबीडीए के रूप में माना जाना चाहिए जो 24 नवंबर 2005 के परिपत्र शबैवि.बीपीडी.परि. सं. 19/13.01.000/2005-06 द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसरण में खोले गए हैं और जिन्हें 17 अगस्त 2012 के परिपत्र शबैवि.बीपीडी.परि. सं.5/13.01.000/2012-13 के अनुपालन में बीएसबीडीए में परिवर्तित कर दिया गया है तथा जो उक्त परिपत्र के अंतर्गत नए खोले गए हैं. (पढ़ें - अगर बैंक में है आपका खाता, यह खबर बड़ी राहत की : GST के दायरे से बाहर होंगी ये सेवाएं)
2. क्या 'शून्य' अथवा अत्यल्प शेष वाले 'नो फ्रील' खातों पर जारी दिशानिर्देश 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' लागू किए जाने के बाद भी जारी रहेंगे ?
जी नहीं, 'नो फ्रील' खातों पर 24 नवंबर 2005 के परिपत्र शबैवि.बीपीडी.परि.सं. 19/13.01.000/2005-06 में निहित अनुदेशों के अधिक्रमण में बैंकों को अब अपने सभी ग्राहकों को 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' प्रदान करने के लिए 17 अगस्त 2012 के परिपत्र शबैवि.बीपीडी.परि. सं. 5/13.01.000/2012-13 द्वारा सूचित किया गया है जिसमें उसमें वर्णित प्रकार से न्यूनतम आम सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. बैंकों से अपेक्षित है कि वे अपने वर्तमान के 'नो फ्रील' खातों को'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' में परिवर्तित कर दें.
3. क्या व्यक्ति एक बैंक में कितनी भी संख्या में 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाते' रख सकता है?
जी नहीं, व्यक्ति एक बैंक में केवल एक ही 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' रखने के लिए पात्र है. (पढ़ें- जन धन योजना के बाद भी भारत में 19 करोड़ वयस्कों के पास नहीं है कोई बैंक अकाउंट)
4. क्या 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' धारी उस बैंक में अन्य बचत खाता रख सकता है ?
'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' धारी उस बैंक में अन्य बचत खाता खोलने के लिए पात्र नहीं है. यदि ग्राहक का उस बैंक में अन्य बचत खाता मौजूद हो तो उसे वह खाता 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' खोलने के 30 दिनों के भीतर बंद कर देना होगा.
5. क्या व्यक्ति जहां उसका 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' रखा हो वहां अन्य जमा खाता रख सकता है?
जी हां, व्यक्ति जिस बैंक में उसका 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' हो वहां पर मीयादी / सावधि जमा, आवर्ती जमा आदि खाते रख सकता है.
6. क्या 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' केवल गरीब और जनता के कमजोर वर्ग जैसे कुछ ही प्रकार के व्यक्तियों द्वारा खोला जा सकता है?
जी नहीं, 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' को शाखाओं के माध्यम से सभी ग्राहकों को उपलब्ध सामान्य बैंकिंग सेवा के रूप में माना जाना चाहिए.
7. क्या बैंकों द्वारा व्यक्तियों के लिए बीएसबीडीए खोलने के संबंध में आयु, आय, राशि आदि जैसे मानदंडों के कोई प्रतिबंध हैं ?
जी नहीं, बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे व्यक्तियों के संबंध में बीएसबीडीए खोलने के लिए आयु और आय मानदंड जैसे प्रतिबंध न लगाएं. (पढ़ें- एक पासवर्ड और बैंक का खाता साफ, पीएनबी घोटाले की 'कलंक कथा' एकदम फिल्मी है)
9. अतिरिक्त रूप से 'बीएसबीडीए – छोटा खाता' के रूप में माने जानेवाले खातों के लिए क्या शर्तें निर्दिष्ट की गई हैं?
दिनांक 16 दिसंबर 2010 की भारत सरकार अधिसूचना में अधिसूचित प्रकार से बीएसबीडीए-छोटा खाता निम्नलिखित शर्तों पर होंगे :