डीजल की बढ़ी कीमतों के बोझ पर बवाल अभी शांत भी नहीं हुआ कि अब बिजली का बिल आपकी जेब काटने जा रहा है, जिसमें घाटे में चल रही पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को आर्थिक संजीवनी देने के लिए नया फार्मूला तय किया गया है।
इसके तहत सरकार इन कंपनियों को बेलआउट पैकेज देगी, लेकिन शर्त यह है कि इन कंपनियों को अपने सालाना घाटे को 25 फीसदी कम करना होगा। इसके लिए कंपनियां चाहें तो हर साल बिजली के रेट बढ़ा सकती हैं। बिजली वितरण कंपनियों का कुल घाटा 2 लाख 46 हजार करोड़ रुपये है।