इंजीनियरिंग एवं ढांचागत क्षेत्र की कंपनी एलएंडटी ने शुक्रवार को कहा कि उसके खिलाफ विश्व बैंक द्वारा छह महीने का प्रतिबंध लगाए जाने का उसके कारोबार पर कोई खास असर नहीं होगा और समूह ने इस तरह की किसी भी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक उपाय किए हैं।
विश्व बैंक ने लार्सन एण्ड टुब्रो के एक वरिष्ठ कार्यकारी के धोखाधड़ी में लिप्त पाये जाने के बाद कंपनी के साथ काम करने पर छह महीने के लिये प्रतिबंध लगा दिया है। विश्व बैंक छह महीने तक लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के साथ कोई व्यवसाय नहीं करेगा और न ही उसके द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं में उसे शामिल करेगा।
संपर्क किए जाने पर एलएंडटी ग्रुप के प्रवक्ता ने प्रेट्र को बताया कि चिकित्सा उपकरण कारोबार में एक कनिष्ठ कर्मचारी ने कुछ प्रमाण पत्रों में हेरफेर किया था और उसे एक पेशकश के समर्थन में जमा किया था।
‘‘गलत प्रमाण पत्र पाए जाने पर कर्मचारी ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया। उसके बाद से एलएंडटी ने चिकित्सा उपकरण कारोबार को बेच दिया।’’
कंपनी प्रवक्ता ने कहा कि इस घटना को देखते हुए पूरे समूह में एहतियात के जबर्दस्त उपाय किए गए हैं ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। हमें नहीं लगता कि इन प्रतिबंधों का हमारे कारोबार पर कोई खास असर पड़ेगा।’’
विश्व बैंक समूह ने जनवरी, 2005 में तमिलनाडु स्वास्थ्य प्रणाली परियोजना के लिए अंतरराष्ट्रीय विकास संघ के तहत 11.08 करोड़ डॉलर का ऋण उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के साथ एक विकास ऋण समझौता किया था।
जुलाई, 2008 में तमिलनाडु चिकित्सा सेवा निगम द्वारा 130 अल्ट्रासाउंड स्कैनरों की आपूर्ति के एक ठेका के लिए बोली मसौदे जारी किए गए थे जिसके बाद एलएंडटी ने उक्त क्षेत्रीय कारोबारी प्रमुख के जरिये 3 सितंबर, 2008 को बोली दस्तावेज जमा किए थे।
तकनीकी एवं वित्तीय आकलन के बाद एलएंडटी की बोली सबसे कम मूल्य की पाई गई, लेकिन बाद में एक शिकायत मिली कि बोली के साथ जमा कराये गए कुछ प्रमाण पत्र फर्जी थे।