ADVERTISEMENT

विमानन उद्योग के लिए उथल-पुथल भरा रहा 2012

ऊंची विमान ईंधन कीमतें, उच्च ब्याज दर और हड़ताल का संकट देश के विमानन उद्योग पर मंडराता रहा और देखते-देखते किंगफिशर एयरलाइंस जैसी देश की एक बड़ी विमानन कंपनी की उड़ानों का संचालन ठप हो गया।
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी10:29 PM IST, 25 Dec 2012NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

ऊंची विमान ईंधन कीमतें, उच्च ब्याज दर और हड़ताल का संकट देश के विमानन उद्योग पर मंडराता रहा और देखते-देखते किंगफिशर एयरलाइंस जैसी देश की एक बड़ी विमानन कंपनी की उड़ानों का संचालन ठप हो गया।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह उद्योग की समस्याओं को दूर करने में व्यस्त रहे और विदेशी विमानन कम्पनियों को भी वित्तीय संकट से गुजर रही घरेलू विमानन कम्पनियों में निवेश की अनुमति दे दी गई। एयर इंडिया को संकट से बाहर निकलने के लिए आर्थिक पैकेज दिया गया, घरेलू विमानन कम्पनियों को विदेश से ईंधन आयात की अनुमति दे दी गई, द्विपक्षीय उड्डयन अधिकार पर फिर से वार्ता शुरू की गई। लेकिन ईंधन कर, हवाईअड्डा शुल्क और आर्थिक सुस्ती के कारण ये कोशिशें बेअसर रहीं।

वैश्विक परामर्श कम्पनी केपीएमजी के उड्डयन प्रमुख और साझेदार अम्बर दूबे ने कहा, "2012 मिला जुला साल रहा। इसमें दूरगामी सुधार हुए लेकिन निकट अवधि में विमानन क्षेत्र में कष्टदायक स्थिति बनी हुई है।"

साल के खत्म होते-होते हालांकि दो विमानन कम्पनियों जेट एयरवेज और किंगफिशर एयरलाइंस के लिए उम्मीद की किरण दिख रही है, क्योंकि मध्यपूर्व की एक विमानन कम्पनी द्वारा उनमें निवेश की सम्भावना जगी है।

इस वर्ष किंगफिशर एयरलाइंस और एयर इंडिया के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण यात्रियों को भारी कठिनाइयों से गुजरना पड़ा।

किंगफिशर एयरलाइंस को कई हड़तालों से गुजरना पड़ा और आखिरी बार नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने उसका लाइसेंस नीलम्बित कर दिया और कम्पनी से उड़ानों का संचालन फिर से शुरू करने की भरोसेमंद योजना लाने के लिए कहा। कम्पनी का लाइसेंस 31 दिसम्बर 2012 तक के लिए ही वैध है।

सार्वजनिक विमानन कम्पनी एयर इंडिया और इसमें विलय की गई पुरानी विमानन कम्पनी इंडियन एयरलाइंस से जुड़ी समस्या फिर से सामने आ गई। एयरइंडिया के कर्मचारियों ने नए 787 ड्रीमलाइन विमान को उड़ाने के अधिकार के मुद्दे पर कम्पनी के इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा हड़ताल किया। हालांकि अदालत और सरकार की हस्तक्षेप के बाद किसी तरह स्थिति पर काबू पाया गया।

नवम्बर तक हालांकि एयर इंडिया घरेलू विमानन बाजार में दूसरी सबसे बड़ी 20.7 फीसदी हिस्सेदार बन गई और कर्मचारियों को समय से वेतन दे रही है।

अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) ने भारतीय उड्डयन क्षेत्र में आने वाले वर्षो में तेज विकास की उम्मीद जताई है और 2016 तक इसे दुनिया में दूसरे सर्वाधिक तेजी (13.1 फीसदी चक्रवृद्धि सलाना दर) से उभरने वाला बताया है।

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT