C V Raman: सीवी रमन को 'रमन प्रभाव' के लिए मिला था नोबेल पुरस्कार, जानिए 5 बातें

सीवी रमन (CV Raman) विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाले पहले भारतीय हैं. प्रकाश के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए सर सीवी रमन को वर्ष 1930 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था.

C V Raman: सीवी रमन को 'रमन प्रभाव' के लिए मिला था नोबेल पुरस्कार, जानिए 5 बातें

C V Raman: सीवी रमन ने प्रकाश प्रकीर्णन के क्षेत्र में अविस्‍मरणीय योगदान दिया.

नई दिल्ली: वैज्ञानिक सीवी रमन की आज पुण्यतिथि (C.V. Raman Death Anniversary) है. भौतिक-शास्त्री सीवी रमन (C.V. Raman) को प्रकाश के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था. वह एक मात्र भारतीय हैं जिन्हें विज्ञान का नोबेल पुरस्कार प्राप्त है. विज्ञान के क्षेत्र में भारत को ऊंचाइयों तक ले जाने में उनका काफी बड़ा योगदान रहा है. अपनी खोज 'रमन प्रभाव' के लिए सीवी रमन (CV Raman) को दुनिया भर में जाना जाता है. इस खोज के लिए उन्हें विश्व प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. आज रमन प्रभाव के सहारे वैज्ञानिक कई तरह के प्रयोग कर रहे हैं. सीवी रमन को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था. उन्हें वर्ष 1929 में नाइटहुड, वर्ष 1954 में भारत रत्न और वर्ष 1957 में लेनिन शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. आइये जानते हैं सीवी रमन से जुड़ी 5 बातें...

सीवी रमन (CV Raman) से जुड़ी 5 बातें

  1. सर सीवी रमन (CV Raman) का जन्‍म ब्रिटिश भारत में तत्‍कालीन मद्रास प्रेसीडेंसी (तमिलनाडु) में सात नवंबर 1888 को हुआ था. उनके पिता गणित और भौतिकी के प्राध्यापक थे. 

  2. सीवी रमन ने तत्कालीन मद्रास के प्रेसीडेन्सी कॉलेज से बीए किया और 1905 में वहां से गणित में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने वाले वह अकेले छात्र थे. इसी कॉलेज में उन्होंने एमए में प्रवेश लिया और मुख्य विषय भौतिकी को चुना.

  3. जब विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने की सुविधा नहीं मिलने के कारण सी.वी. रमण ने सरकारी नौकरी का रुख किया था. उन्होंने भारत सरकार के वित्त विभाग की प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लिया और वह प्रथम आए. इसके बाद उन्होंने कोलकाता में 1907 में असिस्टेंट अकाउटेंट जनरल की नौकरी की. हालांकि विज्ञान के प्रति उनका लगाव बना रहा और यहां वह इंडियन एशोसिएशन फार कल्टीवेशन आफ साइंस और कलकत्ता विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं में शोध करते रहे.

  4. सीवी रमन ने प्रकाश प्रकीर्णन के क्षेत्र में अविस्‍मरणीय योगदान दिया. इसके तहत जब प्रकाश किसी पारदर्शी मैटेरियल से गुजरता है तो उस दौरान प्रकाश की तरंगदैर्ध्‍य में बदलाव दिखता है. इसी को रमन प्रभाव कहा जाता है. प्रकाश के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए सर सीवी रमन को वर्ष 1930 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था. वह अब तक एक मात्र भारतीय हैं जिन्हें विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला है.

  5. रमन प्रभाव के लिए ही 1954 में उनको सर्वोच्‍च सम्‍मान भारत रत्‍न से नवाजा गया था.  सीवी रमन का 82 साल की आयु में 1970 में निधन हुआ था.