CBSE अगले साल से नया पैटर्न अपनाएगा.
नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) अगले एकेडमिक साल से 9वीं क्लास से 12वीं क्लास की परीक्षा के मूल्यांकन के लिए एक नया पैटर्न अपनाएगा. बोर्ड ने सर्कुलर जारी करके इस बारे में जानकारी दी. मार्च में जारी इस सर्कुलर के मुताबिक, थ्योरी पेपर में 20 फीसदी सवाल ऑब्जेक्टिव टाइप होंगे, जिसमें मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन (MCQ) भी शामिल होंगे. इसी तरह से 20 फीसदी और 10 फीसदी केस बेस्ड या सोर्स बेस्ड इंटीग्रेटेड सवाल पूछे जाएंगे. ये बदलाव क्लास 9वीं, 10वीं और 11वीं, 12वीं के लिए है. फाइनल एग्जाम में बाकी बचे हुए क्वेश्चन शॉर्ट और लॉन्ग आंसर के फॉर्मेट में होंगे.
बता दें कि साल 2019-2020 में 9वीं और 10वीं क्लास के लिए केस बेस्ड और सोर्स बेस्ड इंटीग्रेटेड सवाल इंट्रोड्यूस किए गए थे. लेकिन तब इनकी निर्धारित संख्या तय नहीं की गई थी. वहीं, मौजूदा समय में बोर्ड की परीक्षा में ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेश्चन होते हैं, लेकिन प्रश्नों की कुल प्रतिशत और संख्या निर्धारित नहीं की गई है.
सीबीएसई (CBSE) के सर्कुलर के मुताबिक, बोर्ड साल 2020-21 की परीक्षा और मूल्यांकन के लिए इन बदलाव को शुरू कर रहा है. ये NCERT द्वारा विकसित किया गया लर्निंग आउटकम है, जिसे बोर्ड अपना रहा है. इसके अलावा ये साल 2020 के कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम का हिस्सा भी है. साल 2020 के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम की थीम कॉम्पिटेंसी बेस्ड एजुकेशन है.
बता दें कि Capacity Building Program का सबसे अहम हिस्सा CBE (Competency Based Education) है, यानी क्षमता पर आधारित शिक्षा. इसके तहत तय किए गए लक्ष्यों को हासिल करना प्राथमिकता होती है. छात्र अपनी क्षमताओं के हिसाब से इस प्रोग्राम का हिस्सा बनते हैं और अपनी लर्निंग्स को शेयर करते हैं.