छठी से नौवीं कक्षा के लिए सीबीएसई लाएगी नया एग्जाम फॉर्मेट, लागू होगा टू-सेमिस्टर सिस्टम

छठी से नौवीं कक्षा के लिए सीबीएसई लाएगी नया एग्जाम फॉर्मेट, लागू होगा टू-सेमिस्टर सिस्टम

नयी दिल्ली:

सीबीएसई ने 2009 से चले आ रहे संबंद्ध स्कूलों की छठी से नौवीं कक्षाओं के लिए निरंतर और व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) प्रणाली को अमान्य कर दिया है. बोर्ड छठी से नौवीं कक्षा के लिए यूनिफॉर्म असेसमेंट स्कीम लागू करने जा रहा है. स्कूलों में शिक्षण और उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए अकादमिक वर्ष 2017-18 से 'मूल्यांकन, परीक्षा और रिपोर्ट कार्ड की एक समान प्रणाली' लागू होगी. 10वीं बोर्ड परीक्षा के लिए छात्रों को पहले से ही तैयार करने और शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर बोर्ड यह कदम उठाने जा रहा है. 

यूनिफॉर्म असेसमेंट स्कीम के जरिए सीबीएसई अपने संबंद्ध स्कूलों में कक्षा छठी से नौवीं तक के लिए एक जैसा मूल्यांकन और एग्जामिनेशन सिस्टम चाहता है. एक जैसा एग्जामिनेशन सिस्टम व रिपोर्ट कार्ड होने के बाद माइग्रेशन पर दूसरे राज्य में जाने वाले स्टूडेंट्स का दाखिला आसानी से हो जाएगा. रिपोर्ट कार्ड ऑनलाइन रहेगा.

 

नई स्कीम में दो सेमिस्टर प्रणाली होगी- अर्ध-वार्षिक और वार्षिक. हर सेमिस्टर में दो 10 नंबर के दो पीरियोडिक टेस्ट भी होंगे. लिखित परीक्षा को अब 90 फीसदी वेटेज दिया जाएगा. इसमें से 80 फीसदी मार्क्स अर्ध-वार्षिक या वार्षिक परीक्षा के होंगे. शेष 20 मार्क्स में से 10 मार्क्स प्रत्येक सेमिस्टर में पीरियोडिक असेसमेंट के होंगे. 

हर सेमिस्टर 100 मार्क्स का होगा. इसमें से 10 मार्क्स नोट बुक सब्मिट करने, पीरियोडिक असेसमेंट में सब्जेक्ट एनरिचमेंट के होंगे. 

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाओं की पुर्नस्थापना के निर्णय के बाद यह आवश्यक हो गया था कि कक्षा 6 से नौ तक के मूल्यांकन के लिये एक नयी योजना बनायी जाये, क्योंकि इस प्रणाली की असमानताओं से छात्रों को किसी अन्य विद्यालय में दाखिला लेते समय समस्या उत्पन्न हो रही थी.’’ उन्होंने बताया कि सीसीई योजना के तहत, जो साल 2009 से लागू है, छात्रों का मूल्यांकन, दो अवधि के अंत में ली गयी ‘समेटिव असेसमेंट’ और चार ‘फॉर्मेटिव असेसमेंट’ प्रणाली के आधार पर किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि अभी तक इसमें से 60 प्रतिशत मूल्यांकन लिखित परीक्षा पर आधारित था, जबकि 40 प्रतिशत फॉर्मेटिव मूल्यांकन एक साल की अवधि के दौरान विभिन्न गतिविधियों पर शिक्षकों के निरंतर रचनात्मक आकलन पर आधारित होता था. नये दिशा निर्देशों के अनुसार नयी प्रणाली में भी दो परीक्षायें होगीं, लेकिन इसमें 90 प्रतिशत मूल्यांकन लिखित परीक्षा पर आधारित होगा.

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