मनीष सिसोदिया ने कहा- ‘देशभक्ति पाठ्यक्रम’ में राष्ट्रवाद को फिर से किया जाएगा परिभाषित

दिल्ली सरकार ने ‘देशभक्ति पाठ्यक्रम’ पर काम करने के लिए एक पांच सदस्यीय समिति गठित की है जो राष्ट्रवाद पर मौजूदा विमर्श को “फिर से परिभाषित” करेगी.

मनीष सिसोदिया ने कहा- ‘देशभक्ति पाठ्यक्रम’ में राष्ट्रवाद को फिर से किया जाएगा परिभाषित

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली:

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने रविवार को यहां कहा कि दिल्ली सरकार ने स्कूलों में लागू किये जाने वाले ‘देशभक्ति पाठ्यक्रम' (Deshbhakti Curriculum) पर काम करने के लिये एक पांच सदस्यीय समिति गठित की है जो राष्ट्रवाद पर मौजूदा विमर्श को “फिर से परिभाषित” करेगी. सिसोदिया ने कहा कि यह विमर्श अभी “भारत माता की जय के नारे तक सीमित है” और जोर देकर कहा कि बच्चों को यह सीखना चाहिए कि राष्ट्रवाद का मतलब रोजमर्रा की जिंदगी में देश के लिये कुछ करना है. सिसोदिया दिल्ली के शिक्षा मंत्री भी हैं.

उन्होंने उस सुझाव को खारिज कर दिया कि आम आदमी पार्टी की सरकार विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के एजेंडे की नकल करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, “राष्ट्रवाद न तो भाजपा का है और न ही आम आदमी पार्टी का.” मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उनकी सरकार अगले साल स्कूलों में ‘देशभक्ति पाठ्यक्रम' शुरू करेगी जिससे “देशभक्त नागरिकों” का एक वर्ग तैयार किया जा सके.

सिसोदिया ने पीटीआई को दिये एक साक्षात्कार में कहा, “राष्ट्रवाद की हमारी परिभाषा बहुत अलग है. देशभक्ति सिर्फ भारत माता की जय का नारा लगाना नहीं बल्कि देश के लिये अपना योगदान देना है. एक बच्चे को यह सीखने की जरूरत है कि जब कोई सड़क पर रेडलाइट जंप करता है या घूस देता है तो वह देश को धोखा देता है और यह पाठ्यक्रम इसी बारे में है.”

सिसोदिया ने कहा कि पाठ्यक्रम के मसौदे पर एससीईआरटी, शैक्षणिक शोधकर्ताओं और शिक्षकों की पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है. उन्होंने कहा कि आगामी सप्ताह में मुख्यमंत्री के इस दल से मुलाकात करने की उम्मीद है.

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