नई दिल्ली: लंबे इंतजार के बाद बोर्ड एग्जाम खत्म होने वाले हैं और इसके साथ ही स्टूडेंट्स की टेंशन थोड़ी सी कम होगी. हालांकि एग्जाम के बाद रिजल्ट की टेंशन होगी, लेकिन उसके लिए अभी थोड़ा समय है. एग्जाम खत्म होने के बाद हर स्टूडेंट के दिमाग में ये सवाल आता है कि वो एग्जाम के बाद क्या खास करें. इसके साथ ही एग्जाम के दौरान रिश्तेदारों द्वारा उनसे ये सवाल सबसे ज्यादा पूछा जाता है कि वो एग्जाम के बाद क्या करेंगे. बोर्ड एग्जाम खत्म होने के बाद छात्रों के पास लगभग 2 महीने का समय होता है और इस दौरान उन्हें कुछ खास करना चाहिए, जिसके बाद वो एग्जाम फीवर से बाहर निकल पाएं.
छुट्टी पर जाएं कहीं घुमने: एग्जाम शुरू होने के कई महीने पहले से ही छात्रों ने तैयारी शुरू कर दी थी और एग्जाम के टेंशन में वो लंबे समय से छुट्टी पर नहीं गए होंगे. इसलिए एग्जाम खत्म होने के बाद छात्रों को एक सप्ताह के लिए छुट्टी पर कहीं घुमने जाएं.
फॉरेन लैंग्वेज क्लास ज्वाइन करें: किसी भी एक्सट्रा लैंग्वेज की जानकारी हमेशा ही फायदेमंद होती है. इसलिए एग्जाम के बाद मिले गैप में आपको किसी फॉरेन लैग्वेज क्लास को ज्वाइन करना चाहिए. यह आपके लिए नया होगा और इसको सीखने में मजा भी आएगा.
स्विमिंग/योगा/एरोबिक्स/डांस क्लास करें ज्वाइन: एग्जाम के टेंशन में स्टूडेंट्स लंबे समय से फिजिकल एक्टिविटीज से दूर रहे हैं, इसलिए एग्जाम के बाद मिले इस गैप का इस्तेमाल करें और स्विमिंग/योगा/एरोबिक्स/डांस क्लास ज्वाइन करें.
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लोकल लाइब्रेरी ज्वाइन करें: कहा जाता है कि किताबों में हर तरह का ज्ञान छिपा हुआ होता है, इसलिए लाइफ में ज्यादा से ज्यादा किताबें पढ़नी चाहिए. एग्जाम के बाद छुट्टी मनाने और एक्स्ट्रा करीकुलर एक्टिविटीज ज्वाइन करने के बाद बचे हुए समय को आपको लोकल लाइब्रेरी ज्वाइन करना चाहिए.
वालंटियर वर्क: अगर आपको कुछ अलग करने का मन हो तो आप किसी लोकल एनजीओ को ज्वाइन कर लोगों की मदद कर सकते हैं. किसी एनजीओं में वालंटियर के रूप में जुड़ने से आप सिर्फ लोगों की मदद नहीं करेंगे, बल्कि आप इसे भविष्य में अपने रिज्युम में भी शामिल कर सकते हैं.
देखें अच्छी फिल्में: एग्जाम सीजन के दौरान आपने कई ऐसी फिल्में मिस की है, जिन्हें आप देखना चाहते थे. इसलिए अब एग्जाम के बाद मिले गैप में उन फिल्मों को देख सकते हैं. हालांकि फिल्में देखते समय इस बात का जरूर ख्याल रखें कि सिर्फ बॉलीवुड और हॉलीवुड की फिल्मों तक सीमित ना रहें और कुछ डॉक्यूमेंट्री और शॉर्ट फिल्में भी देखें.