ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी ने इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी के साथ किया समझौता

ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी ने इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी के साथ समझौता किया है.

ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी ने इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी के साथ किया समझौता

ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी ने आईआईपीई के साथ समझौता किया है.

खास बातें

  • ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी ने आईआईपीई के साथ समझौता किया है.
  • इसका मकसद संयुक्त शोध के जरिए वैज्ञानिक और तकनीकी ज्ञान बढ़ाना है.
  • आईआईपीई की स्थापना विशाखापटनम में 2016 में हुई थी.
नई दिल्ली:

ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी ने इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी (आईआईपीई) के साथ सहमति पत्र पर दस्तखत किए है. इसका मकसद संयुक्त शोध के जरिए वैज्ञानिक और तकनीकी ज्ञान बढ़ाना है. एक बयान के अनुसार समझौते पर इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी की तरफ से संस्थापक निदेशक वीएसआरके प्रसाद, आईआईपीई के प्रशासनिक संपर्क अधिकारी सुदर्शन नेगी ने दस्तखत किए. 

जबकि ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी की तरफ से इस समझौते पर एलिजाबेथ डी राकवेल, जोसेफ डब्ल्यू टेडेसको तथा जैमी आर्टिज ने दस्तखत किए. समझौते के तहत दोनों संस्थान टीचरों के साथ स्टूडेंट्स का आदान प्रदान करेंगे. इसके अंतर्गत दोनों संयुक्त शोध, संयुक्त शैक्षणिक गतिविधियों के तहत शार्ट सिलेबस को संचालित करने के साथ विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाएंगे.

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इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी की स्थापना विशाखापटनम में 2016 में हुई थी. IIPE पेट्रोलियम और कैमिकल एनर्जी में अंडर ग्रेजुएट डिप्लोमा कराता है.  ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी की स्थापना 1927 में हुई थी. ये यूनिवर्सिटी टेक्सास की तीसरी सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी है.

(इनपुट- भाषा)

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