मॉडरेशन पॉलिसी: सीबीएसई और राज्य बोर्डों की बैठक बुलाएगा मानव संसाधन विकास मंत्रालय

सीबीएसई और 32 अन्य बोर्ड 24 अप्रैल को हुई एक बैठक में इस नीति को रद्द करने पर एक आमराय पर पहुंचे थे. हालांकि, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीएसई से इस नीति को रद्द नहीं करने को कहते हुए कहा था कि बीच में इस बदलाव को लागू करने की सलाह नहीं दी जा सकती.

मॉडरेशन पॉलिसी: सीबीएसई और राज्य बोर्डों की बैठक बुलाएगा मानव संसाधन विकास मंत्रालय

नयी दिल्ली:

मानव संसाधन विकास मंत्रालय मॉडरेशन नीति को रद्द करने पर आगे की राह पर चर्चा करने के लिए जल्द ही सीबीएसई और 32 अन्य बोर्डों की एक बैठक बुलाएगा. मॉडरेशन नीति एक ऐसी प्रकिया है जिसमें छात्रों को असमान्य रूप से कठिन विषयों में या प्रश्न पत्रों के सेट में अंतर होने पर अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं.

सीबीएसई और 32 अन्य बोर्ड 24 अप्रैल को हुई एक बैठक में इस नीति को रद्द करने पर एक आमराय पर पहुंचे थे. हालांकि, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीएसई से इस नीति को रद्द नहीं करने को कहते हुए कहा था कि बीच में इस बदलाव को लागू करने की सलाह नहीं दी जा सकती.

समझा जाता है कि इससे पहले सीबीएसई ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने पर विचार किया था लेकिन इसके खिलाफ उसे वकील ने सलाह दी थी कि उच्चतम न्यायालय का रूख करना नुकसानदेह हो सकता है और इससे परीक्षा के नतीजों में भी देर हो सकती है.

अधिकारी ने बताया कि बोर्डों को मॉडरेशन नीतियों का खुलासा करने को कहा गया है और एचआरडी मंत्रालय आगे की राह पर चर्चा करने के लिए सीबीएसई और अन्य बोर्डों की एक बैठक बुलाएगा.

केंद्र ने वर्ष 2018 में 12 वीं कक्षा के छात्रों को एक समान अंक देने को सुनिश्चत करने के लिए एक समिति गठित की है. इसका उद्देश्य मॉडरशेन के तहत दिए जाने वाले अत्यधिक अंक पर पर रोक लगाना है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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