शिक्षा मंत्री ने कहा- शैक्षणिक योग्यता को पारस्परिक मान्यता देने के संबंध में भारत-ब्रिटेन संयुक्त कार्यबल गठित करेंगे

भारत और ब्रिटेन शैक्षणिक योग्यता को पारस्परिक मान्यता देने के उद्देश्य से संयुक्त कार्यबल के गठन के लिए सहमत हुए हैं और दोनों देशों ने शिक्षा, शोध और नवाचार के क्षेत्र में पारस्परिक सहभागिता को और बढ़ाने पर भी जोर दिया.

शिक्षा मंत्री ने कहा- शैक्षणिक योग्यता को पारस्परिक मान्यता देने के संबंध में भारत-ब्रिटेन संयुक्त कार्यबल गठित करेंगे

शैक्षणिक योग्यता को पारस्परिक मान्यता देने के संबंध में भारत-ब्रिटेन संयुक्त कार्यबल गठित करेंगे : शिक्षा मंत्री

नई दिल्ली:

भारत और ब्रिटेन शैक्षणिक योग्यता को पारस्परिक मान्यता देने के उद्देश्य से संयुक्त कार्यबल के गठन के लिए सहमत हुए हैं और दोनों देशों ने शिक्षा, शोध और नवाचार के क्षेत्र में पारस्परिक सहभागिता को और बढ़ाने पर भी जोर दिया. इस संबंध में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Union Education Minister Ramesh Pokhriyal 'Nishank') और ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब (UK Foreign Secretary Dominic Raab) के बीच बुधवार को हुई बैठक में निर्णय किया गया. शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, निशंक और ब्रिटिश विदेश मंत्री डोमिनिक राब के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों ने शिक्षा और शोध के क्षेत्र में अपनी साझेदारी को और मजबूत करने और अगले वर्ष से शैक्षणिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई.

निशंक ने कहा, ‘‘भारत और ब्रिटेन शैक्षणिक योग्यता को पारस्परिक मान्यता देने हेतु नामित उच्च संस्थानों के संयुक्त कार्यबल के गठन के लिए भी सहमत हुए. कार्यबल के सदस्यों और इसकी कार्यप्रणाली के संबंध में निर्णय आधिकारिक स्तर पर लिया जाएगा.'' उन्होंने कहा कि कार्यबल के गठन से शैक्षणिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता की प्रक्रिया में तेज़ी आएगी तथा यह शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के भारत के एजेंडे के लिए भी सहायक होगा.

उन्होंने कहा कि शैक्षणिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता की दिशा में काम करने का निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वैश्विक स्तर पर मानव कौशल विकास और भारतीय उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के दृष्टिकोण के अनुरूप है. इसका प्रस्ताव इस साल जुलाई में लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में भी किया गया है.

निशंक ने कहा, ‘‘दोनों देशों के बीच संबंध सकारात्मक और सहयोगपूर्ण रहे हैं. आज का यह समझौता दोनों देशों के पारस्परिक विश्वास का परिचायक है और यह शिक्षा, शोध एवं नवाचार के माध्यम से इसे और आगे ले जाएगा.'' वहीं, ब्रिटिश विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (NEP) को दूरदर्शी बताते हुए इसकी प्रशंसा की और कहा कि प्रस्तावित सुधारों के चलते छात्रों और अर्थव्यवस्था के लिए नए अवसर उपलब्ध होंगे और दोनों देशों के बीच साझेदारी को और सशक्त करने में सहायता मिलेगी.

उन्होंने इस अवसर पर वर्ष 2018 में ब्रिटेन दौरे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान का भी जिक्र किया, जिसमें “शिक्षा को भारत-ब्रिटेन के बीच जीवंत सेतु बताया था. राब ने कहा कि यह नीति इस सेतु को मजबूती प्रदान करने में मददगार होगी. उन्होंने कहा कि भारत से आने वाले अकादमिक मनीषियों के प्रति ब्रिटेन में भरपूर सम्मान है और उनके देश में भारतीय छात्र समुदाय के योगदान को भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. राब ने बताया कि छात्रों के आवागमन को और सुविधाजनक बनाने हेतु ब्रिटेन ने वीज़ा और आव्रजन से जुड़े अपने नियमों में कई बदलाव किए हैं.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

गौरतलब है कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब 14 दिसंबर से 17 दिसंबर तक की भारत यात्रा पर आए हैं. ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जिसमें दोनों नेताओं ने कोविड संकट और ब्रेक्जिट बाद विश्व में भारत-ब्रिटेन संबंधों के विविध आयामों एवं संभावनाओं और सामरिक गठजोड़ के बारे में चर्चा की. इससे पहले राब ने मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत की थी. इस दौरान दोनों पक्षों ने अपने संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिये 10 वर्षो का महात्वाकांक्षी खाका तैयार करने पर सहमति व्यक्त की.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)