कर्नाटक SSLC एग्ज़ाम : HC के फैसले के खिलाफ याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज, 25 जून से होंगी परीक्षाएं

कर्नाटक के SSLC एग्जाम से जुड़ी याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी.

कर्नाटक SSLC एग्ज़ाम : HC के फैसले के खिलाफ याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज, 25 जून से होंगी परीक्षाएं

कर्नाटक SSLC की परीक्षाएं 25 जून से होंगी.

नई दिल्ली:

कर्नाटक के SSLC एग्ज़ाम से जुड़ी याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट ने SSLC या क्लास 10 की परीक्षा 25 जून से कराने की अनुमति दी थी. इस फैसले को ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी और यह याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो गई है. यानी अब 25 जून से परीक्षा होने का रास्ता साफ हो गया है. कर्नाटक सरकार ने SSLC (Secondary School Leaving Certificate) परीक्षा 25 जून से ही कराने का फैसला किया था. यह मामला कर्नाटक हाईकोर्ट भी पहुंचा था. हाई कोर्ट ने भी 25 जून से ही परीक्षा कराने का आदेश दिया था.

तेलंगाना, तमिलनाडु और पुदुचेरी ने कोरोवायरस महामारी के चलते 10वीं क्लास की परीक्षा रद्द कर दी थी और बच्चों को अगली क्लास में प्रमोट कर दिया था. इसके बाद कर्नाटक सरकार ने अपने राज्य में परीक्षा कराने की बात कही. कर्नाटक सरकार ने 25 जून से 4 जुलाई के बीच एसएसएलसी परीक्षा कराने का फैसला किया था.

कर्नाटक के प्राइमरी एंड सेकंडरी एजुकेशन मिनिस्टर एस. सुरेश ने इस मामले पर हाल ही में बताया था, "तमाम विशेषज्ञों से बात करने के बाद बच्चों के हितों का ध्यान रखते हुए एहतियात के साथ एग्जाम कराने का फैसला किया गया है." उन्होंने यह भी बताया था कि SSLC एग्जाम का मुद्दा हाई कोर्ट में उठ चुका है. साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय से भी एग्जाम कराने को लेकर ग्रीन सिग्नल मिल चुका है. इसके साथ ही एस. सुरेश ने कहा था कि राज्य में स्कूल खोलने का फैसला अगस्त के बाद किया जाएगा.

कोरोनावायरस महामारी के चलते सभी स्कूल बंद हो गए थे, जिसकी वजह से एग्जाम रद्द करने पड़े थे. कई स्टेट बोर्ड ने बच्चों को अगली क्लास में प्रमोट कर दिया है. वहीं, सीबीएसई (CBSE) और सीआईएससीई (CISCE) का मामला भी कोर्ट में चल रहा है. सीबीएसई ने जुलाई में 12वीं बोर्ड के बचे हुए पेपर कराने का फैसला किया है, जिसके खिलाफ कुछ अभिभावक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं.

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अभिभावकों का कहना है कि पेपर होने से बच्चों पर वायरस का खतरा है, इसलिए इन्हें रद्द किया जाए और पुरानी परफॉर्मेंस के आधार पर नंबर दिए जाएं. दूसरी तरफ CISCE की बची हुईं परीक्षाओं को रद्द कराने का मामला भी बॉम्बे हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. जिसके बाद CISCE बोर्ड ने बच्चों को दो विकल्प दिए हैं, इनमें एक एग्जाम छोड़ने का विकल्प भी है.