केंद्रीय विद्यालय स्थापना के लिए भूमि जरूरत नियमों में बदलाव

केंद्रीय विद्यालय स्थापना के लिए भूमि जरूरत नियमों में बदलाव

केंद्र ने भूमि की कमी के मद्देनजर नये केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए भूमि जरूरत के नियमों में आज बदलाव कर दिया. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की ओर से घोषित नये नियमों के तहत कोई भी केंद्रीय विद्यालय अब 2.5 एकड़ भूमि पर स्थापित हो सकता है जबकि मेट्रो शहर में भूमि की वर्तमान जरूरत चार एकड़ है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की वर्तमान की 10 एकड़ भूमि जरूरत और शहरी एवं पहाड़ी क्षेत्रों में आठ एकड़ भूमि जरूरत को घटाकर पांच एकड़ कर दिया गया है.

भूमि की कमी को ध्यान में रखते हुए लिया गया निर्णय
जावड़ेकर ने शाहदरा में केंद्रीय विद्यालय की नयी इमारत की आधारशिला रखने के कार्यक्रम में कहा, यह एक ऐतिहासिक निर्णय है जो देश में भूमि की कमी को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. मंत्री ने यद्यपि जोर दिया कि पढ़ाई के साथ साथ खेल, फिटनेस व्यायाम जैसे आउटडोर गतिविधियां भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि छात्र पसीना बहाकर और कड़ी मेहनत करके खेल से टीम भावना हासिल करते हैं.

फार्म भरने की प्रक्रिया इस सत्र से आनलाइन की गई
उन्होंने कहा, सरकार छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने पर सक्रियता से काम कर रही है क्योंकि उसका मानना है कि एक उचित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में एक मजबूत चरित्र वाला एक अच्छा नागरिक विकसित करने की क्षमता है. जावड़ेकर ने कहा कि प्रवेश प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए फार्म भरने की प्रक्रिया इस सत्र से आनलाइन कर दी गई है ताकि लोगों को अपने बच्चों का दाखिला केंद्रीय विद्यालय में कराने के लिए इधर उधर न भागना पड़े.
 
उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के मद्देनजर केंद्रीय विद्यालय संगठन ने 6250 से अधिक शिक्षों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की है. कार्यक्रम को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी संबोधित किया.


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