माइक्रोसॉफ्ट स्कूलों में लर्निग के तौर-तरीके बदलने को प्रयासरत

माइक्रोसॉफ्ट स्कूलों में लर्निग के तौर-तरीके बदलने को प्रयासरत

नई दिल्‍ली:

देश में शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल आधार पर बदलाव लाने के अपने प्रयासों को बढ़ावा देते हुए माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने एमएएसपी सुईट (माइक्रोसॉफ्ट एस्पायर स्कूल प्रोग्राम सुईट) द्वारा 'टीच योर चिल्ड्रेन' कार्यक्रम शुरू किया है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूलों को प्रौद्योगिकी और नवोन्मेशी शिक्षण के एकीकृत सेट, उनके परिसरों को आधुनिक बनाने, बेहतर शिक्षण अनुभवों के लिए बदलाव लाने और भविष्य के लिए छात्रों को तैयार करना है. कंपनी द्वारा हाल में किए गए सर्वेक्षण 'डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन इन एजुकेशन' से पता चला है कि समस्या समाधान, सहयोग और डिजिटल साक्षरता ऐसी कुशलताएं हैं, जिनकी भविष्य में छात्रों को अपनाने की जरूरत होती है.

भारत में हुए सर्वेक्षण में शामिल 12 स्कूलों में 31 फीसदी शिक्षक मानते हैं कि उनके पास उपलब्ध प्रौद्योगिकी का अधिकतम इस्तेमाल करने के लिए पर्याप्त ज्ञान है और उन्हें व्यक्तिगत शिक्षण, ऑनलाइन क्लासरूम, कंटेंट और असाइनमेंट्स का प्रबंधन करने और प्रोजेक्ट्स पर छात्रों के बीच सहयोग के लिए टूल्स की जरूरत है. और इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट ने स्कूलों में शिक्षण और लर्निग स्तर को बढ़ाने के लिए अपनी तरह का पहला कार्यक्रम तैयार किया है.

कार्यक्रम के बारे में माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के महाप्रबंधक (स्मॉल एंड मिडमार्केट सॉल्यूशंस एंड पार्टनर्स) अमित कुमार ने कहा, "आज के डिजिटल दौर में, शैक्षिक संस्थानों को शिक्षकों एवं छात्रों के लिए टीचिंग एवं लर्निग अनुभवों को नए सिरे से परिभाषित करने के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी को अवश्य अपनाना चाहिए, ताकि वे भविष्य के लिए तैयार हो सके. इसी को ध्यान में रखकर माइक्रोसॉफ्ट ने एमएएसपी सुईट विकसित किया है, ताकि शिक्षकों एवं छात्रों के पास सफलता के लिए जरूरी टूल्स, संसाधन एवं विशेषताएं उपलब्ध हो सके."

दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, पुणे, वड़ोदरा और भुवनेश्वर जैसे शहरों में करीब चालीस स्कूलों में एमएएसपी सुईट को अपनाया गया है.

न्‍यूज एजेंसी आईएएनएस से इनपुट
 


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