यूपीएससीट टॉपर अनुदीप दुरीशेट्टी की फाइल फोटो
खास बातें
- पांचवें प्रयास में टॉपर बने अनुदीप दुरीशेट्टी
- यूपीएससी की दूसरी टॉपर हरियाणा के सोनीपत से
- अनुदीप इंडियन रेवेन्यू सर्विस ऑफिसर हैं
नई दिल्ली: देश के सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के परिणाम की घोषणा शुक्रवार को की गई. इस बार देशभर से 990 प्रतिभागियों ने इस परीक्षा में बाजी मारी है. चुने गए सभी प्रतिभागियों को आईएएस, आईएफएस, आईपीएस, आईआरएस समेत देश की इलीट सर्विस में अपनी सेवा देने का मौका मिलेगा. एनडीटीवी ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में चुने गए शीर्ष दो टॉपर्स से बात की. इस परीक्षा में पहला रैंक लाने के साथ टॉप करने वाले अनुदीप दुरीशेट्टी 2014 बैच के इंडियन रेवेन्यू सर्विस ऑफिसर हैं. अनुदीप दुरीशेट्टी अभी हैदराबाद में असिस्टेंट इनकम टैक्स कमिश्नर के पद पर हैं. अनुदीप बताते हैं कि उन्होंने 2012 में तैयारी शुरू की थी और उनका सपना था कि वह इस परीक्षा में टॉप करें. उनका यह सपना पांचवें प्रयास में पूरा हुआ. उन्होंने बताया कि नौकरी करते हुए वो हर रोज़ पढ़ाई के लिए ज्यादा वक़्त तो नहीं निकाल पाते थे. इस वजह से हफ्ते में मिलने वाली दो छुट्टियों का वह भरपूर इस्तेमाल करते थे. वह कोशिश करते थे कि इन दो दिनों में ज्यादा से ज्यादा पढ़ाई की जाए.
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अनुदीप ने बताया कि इस परीक्षा में टॉप करने के लिए उन्होंने कहीं से कोई कोचिंग नहीं ली थी. खास बात यह है कि बिट्स पिलानी से इंजीनियरिंग कर चुके अनुदीप गूगल हैदराबाद में भी काम कर चुके हैं. इस परीक्षा टॉप करने का श्रेय वह अपने परिवार को देते हुए कहते हैं कि अगर परिवार का समर्थन नहीं होता तो शायद मैं आज आपसे बतौर टॉपर बात नहीं कर रहा होता. मेरी सफलता के पीछे मेरे परिवार की सबसे बड़ी भूमिका है. वहीं इस परीक्षा में दूसरी रैंक लाने वाली अनु कुमारी के लिए यह उपलब्धि हासिल करना एक बड़ी चुनौती की तरह थी. हरियाणा की सोनीपत की रहने वाली अनु शादीशुदा हैं और उनका एक चार साल का बच्चा भी है. दिल्ली विश्विद्यालय से फिजिक्स और फिर नागपुर आईएमटी से मार्केटिंग और फाइनेंस में एमबीए कर चुकीं अनु को दूसरे प्रयास में यह रैंकिंग हासिल हुई है.
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अनु ने एनडीटीवी से बताया कि वह अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों के निभाने के साथ-साथ हर दिन कम से कम 10 से 12 घंटे पढ़ाई करती थीं. उन्होंने बताया कि तैयारी के समय वह जिस गांव में रह रही थीं वहां अखबार तक नहीं आता था. लिहाजा उन्होंने अपनी तैयारी को बेहतर से बेहतर करने के लिए ऑनलाइन कंटेंट रीडिंग का सहारा लिया.
अनु बताती हैं कि ऑनलाइन कंटेंट रीडिंग उनकी तैयारी के लिए काफी अहम साबित हुआ. वह मानती हैं कि कुछ पाने के लिए दृढ़निश्चय करना बेहद जरूरी है. अगर आप ऐसा कर पाते हैं तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. और मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. अनु ने बताया कि वह अपने पहले प्रयास में महज एक नंबर से प्रीलिम्स की परीक्षा क्लियर नहीं कर पाईं थी. उन्होंने बताया कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने कभी कोई कोचिंग नहीं ली.
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अनु अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को देती हैं. उन्होंने कहा कि बगैर परिवार के समर्थन के यह संभव नहीं था, खास कर तब जब आप एक बच्चे की मां भी हों.