नर्सरी एडमिशन: नए दिशा-निर्देशों के खिलाफ कोर्ट जाएंगे डीडीए की जमीन पर बने प्राइवेट स्कूल

नर्सरी एडमिशन: नए दिशा-निर्देशों के खिलाफ कोर्ट जाएंगे डीडीए की जमीन पर बने प्राइवेट स्कूल

नयी दिल्ली:

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की जमीन पर चल रहे निजी स्कूलों ने नर्सरी दाखिले के लिए घोषित नए दिशा-निर्देशों के खिलाफ अदालत जाने का फैसला किया है, वहीं दूसरी तरफ अपने बच्चों का दाखिला कराने के लिए अभिभावकों का संघर्ष जारी है.

दिल्ली सरकार ने डीडीए की जमीन पर चल रहे 298 निजी स्कूलों के लिए शनिवार को नए दिशा-निर्देशों की घोषणा की.

नए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि दाखिले पर विचार करते समय स्कूल से आवेदक के घर की दूरी को एक बड़ा मापदंड माना जाए. जिन बच्चों का घर संबंधित स्कूल के पास है, उन्हें प्राथमिकता दी जाए.

हालांकि, इन स्कूलों में अभी दाखिलों का कोई कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया है और वहां पहुंचे अभिभावकों को वापस कर दिया गया.

गैर सहायता प्राप्त स्कूलों की कार्यसमिति के अध्यक्ष एस के भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘हमने सरकार द्वारा घोषित दिशा-निर्देशों के खिलाफ अदालत जाने का फैसला किया है. हमारा मुद्दा केवल पास की दूरी के मापदंड का नहीं है, बल्कि दिशा-निर्देशों में दिए गए कई अन्य बिन्दुओं का भी है.’’ इस समिति के अंतर्गत एक हजार से अधिक स्कूल पंजीकृत हैं.

''स्वायत्तता पर अंकुश लगाने का प्रयास''
भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘सरकार हमसे जिस तरह व्यवहार कर रही है, उससे हम सरकार संचालित स्कूलों से कैसे भिन्न होंगे. यह हमारी स्वायत्तता पर अंकुश लगाने का प्रयास है.’’ इस बीच, अभिभावकों ने कहा कि हालांकि दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं, लेकिन इनमें अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है .

नए दिशा-निर्देश
दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि स्कूल ‘‘स्थानीय क्षेत्र के निवासियों को दाखिला देने से मना नहीं करेंगे.’’ स्कूल के पास की दूरी को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि स्कूल के एक किलोमीटर के दायरे में रहने वाले बच्चों को प्राथमिकता देनी होगी और यदि सीटें नहीं भरती हैं तो फिर स्कूल के एक से तीन किलोमीटर के दायरे में रहने वाले बच्चों को प्राथमिकता देनी पड़ेगी. आवेदन प्रक्रिया 23 जनवरी को संपन्न होगी.

शेष 1,400 स्कूल दाखिले के लिए अपने मापदंड तथा बिन्दु तय करने को स्वतंत्र हैं, लेकिन उन्हें उन शर्तों से दूर रहना होगा जिन्हें सरकार ने पिछले साल खत्म कर दिया था.

खत्म किए गए मापदंडों में माता-पिता की शिक्षा, माता-पिता का व्यवसाय, आयु, मौखिक परीक्षा और साक्षात्कार शामिल हैं. दाखिले के लिए चुने गए बच्चों की पहली सूची, प्रतीक्षा सूची और विभिन्न श्रेणियों के आधार पर मिले अंकों की सूची स्कूलों द्वारा 15 फरवरी को घोषित की जाएगी.


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