पंजाब: मुख्यमंत्री ने स्कूली छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड देने की योजना शुरू की, जानिए डिटेल

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को राज्य के हाई स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए मुफ्त सैनिटरी पैड प्रदान करने सहित कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की.

पंजाब: मुख्यमंत्री ने स्कूली छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड देने की योजना शुरू की, जानिए डिटेल

पंजाब के मुख्यमंत्री ने स्कूली छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड देने की योजना शुरू की.

नई दिल्ली:

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को राज्य के हाई स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए मुफ्त सैनिटरी पैड प्रदान करने सहित कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की. एक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने बालिकाओं को जनवरी माह समर्पित किया और युवाओं के बीच 2,500 खेल किट वितरण का मार्ग प्रशस्त किया. उन्होंने झुग्गी निवासियों को संपत्ति के अधिकार देने के लिए एक कार्यक्रम भी शुरू किया और उपभोक्ता शिकायतों के लिए ‘‘ई-दाखिल'' पोर्टल के अलावा 75 करोड़ रुपये से अधिक की स्मार्ट मीटरिंग परियोजना शुरू की.

मुख्यमंत्री ने ‘‘धीयां दी लोहड़ी'' योजना का शुभारंभ करते हुए अपनी माताओं के साथ पांच बच्चियों को 5,100 रुपये की शगुन और प्रत्येक के लिए बेबी किट प्रदान दिया. बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री द्वारा लिखे गए और हस्ताक्षरित बधाई पत्र इस वर्ष अपनी पहली लोहड़ी मना रही 1.5 लाख से अधिक लड़कियों के माता-पिता को सौंपे जाएंगे.

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों, खासकर प्रदेश भर की मलिन बस्तियों में रहने वालों के अलावा हाईस्कूल और कॉलेजों की सभी छात्राओं के लिए मुफ्त सेनिटरी पैड देने की घोषणा की. ‘‘बसेरा'' कार्यक्रम शुरू होने के पहले चरण में पटियाला, बठिंडा, फाजिल्का और मोगा जिलों की 10 मलिन बस्तियों में 2,816 निवासियों को मालिकाना हक मिलेगा.

मुख्यमंत्री ने स्थानीय सरकारी विभाग से कहा कि वे मलिन बस्तियों में पीने के पानी, स्ट्रीट लाइट और सड़कों सहित बुनियादी नागरिक सुविधाएं सुनिश्चित करें. 75.64 करोड़ रुपये की स्मार्ट मीटरिंग परियोजना का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से डेटा को स्वचालित अपलोड करने के माध्यम से मैनुअल रीडिंग में मानवीय त्रुटि को कम करने में मदद मिलेगी.

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 उन्होंने कहा कि जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक इस परियोजना के तहत राज्य भर में 96,000 मीटर स्थापित किए जाएंगे, जिससे रीडिंग छुपाने/बिजली की चोरी को रोकने और गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी.
 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)