MP के इस शहर में अफसरों की कोचिंग में पढ़ने के लिए बड़े शहरों से वापस आ रहे हैं छात्र

टीकमगढ़ में अफसरों ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए छात्रों के लिए कोचिंग शुरू की है.

MP के इस शहर में अफसरों की कोचिंग में पढ़ने के लिए बड़े शहरों से वापस आ रहे हैं छात्र

बड़े शहरों में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने गए परीक्षार्थी टीकमगढ़ लौट रहे हैं.

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश में सरकारी महकमा, समाज का सहयोगी बनकर विशेष भूमिका निभाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहा है. राजधानी भोपाल में जहां अफसर सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं, तो वहीं टीकमगढ़ में अफसरों ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए छात्रों के लिए कोचिंग शुरू की है. इस प्रयास की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, बड़े शहरों में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने गए परीक्षार्थी टीकमगढ़ लौट रहे हैं. टीकमगढ़, बुंदेलखंड का अभावग्रस्त जिला है, जहां सुविधाओं के नाम पर रेल लाइन को छोड़कर वर्तमान में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसके कारण इस जिले को विशिष्ट पहचान मिले. यहां शिक्षा क्षेत्र में भी विशेष सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. यही कारण है कि, यहां के अधिकांश छात्र हायर सेकेंडरी, स्नातक करने के बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली, भोपाल, इंदौर और ग्वालियर जैसे शहरों का रुख करते हैं. 

यहां के जिलाधिकारी सौरभ कुमार सुमन ने म़ प्ऱ लोक सेवा आयोग और संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी कराने की पहल शुरू की है. उन्होंने स्टूडेंट वेलफेयर एकेडमी एंड सोसायटी (आरोहण) बनाई है. सोसायटी के माध्यम से स्थानीय कृषि कॉलेज भवन में जिलाधिकारी स्वयं प्रतिदिन सुबह छात्रों को पढ़ाते हैं. उनके साथ ई-गवर्नेस के सहायक प्रबंधक अनुपम दीक्षित और पीएससी की टॉपर अनुविभागीय अधिकारी वंदना राजपूत भी कोचिंग देती हैं. जिला प्रशासन ने अपनी पहल की जानकारी छात्रों और उनके परिजनों तक पहुंचाने के लिए सोशल साइट फेसबुक का सहारा लिया. बाहर पढ़ने गए छात्रों को अफसरों की कोचिंग की जानकारी मिली, तो उन्हें लगा कि, जब उनके घर में ही प्रतियोगिता परीक्षा की कोचिंग इसके सफल प्रतिभागी दे रहे हैं तो उन्होंने टीकमगढ़ लौटने का मन बना लिया. 

अभियांत्रिकी में स्नातक करने के बाद यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली गए शुभम पाठक को जब इसकी जानकारी मिली तो वे वापस लौट आए. उन्होंने बताया कि, उन्हें जब टीकमगढ़ में कोचिंग की जानकारी मिली, तो तुरंत घर लौटे. यहां कलेक्टर, एसडीएम और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का कोचिंग देने का तरीका बहुत अच्छा है. इसी तरह इंदौर में साल 2016 से पीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही बी़ टेक निकिता जैन जिले में ही उत्कृष्ट कोचिंग की जानकारी मिलते ही घर लौट आयी हैं और यहां कोचिंग ले रही हैं. निकिता का मानना है कि कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम के अनुभव का इस कोचिंग के माध्यम से उन्हें लाभ अवश्य मिलेगा.

वहीं, एक इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर और टीकमगढ़ निवासी प्रणीत खरे पीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चले गये थे, लेकिन वहां फीस ज्यादा होने की वजह से वह एक साल में ही वापस लौट आए. अब वे भी टीकमगढ़ जिला प्रशासन की कोचिंग की जानकारी मिलने पर छुट्टी लेकर वहां पहुंचे हैं.

अन्य खबरें
सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिलेगी फ्री कोचिंग, बच्चों को पढ़ाएंगे ऑफिसर
हरियाणा के इस स्कूल में बच्चों को रोज कराई जाती है उठक-बैठक, हैरान कर देगी वजह

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com