विदेश जाकर MBBS करने के लिए भी पास करना होगा NEET, जानिये क्या है कारण

विदेश जाकर एमबीबीएस की पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों को भी अब नीट की परीक्षा पास करनी होगी. सरकार उनके लिए यह परीक्षा अनिवार्य करने की योजना बना रही है.

विदेश जाकर MBBS करने के लिए भी पास करना होगा NEET, जानिये क्या है कारण

प्रतीकात्मक फोटो.

खास बातें

  • विदेश से MBBS करने वालों के लिए नीट अनिवार्य करने की बन रही योजना
  • हर साल करीब 7,000 छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं
  • इनमें से अधिकतर चीन और रूस का रुख करते हैं
नई दिल्ली:

विदेश जाकर एमबीबीएस की पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों को भी अब नीट की परीक्षा पास करनी होगी. सरकार उनके लिए यह परीक्षा अनिवार्य करने की योजना बना रही है, ताकि सिर्फ सक्षम छात्र ही विदेशों के विश्वविद्यालयों में दाखिला ले सकें. वर्तमान में देश में किसी भी सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने के इच्छुक छात्रों को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) पास करनी होती है. यह परीक्षा वर्ष 2016 से अस्तित्व में आयी थी.

यह भी पढ़ें  : NEET 2018: इस डॉक्यूमेंट के बिना नहीं कर पाएंगे आवेदन, ऐसे करें अप्लाई

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार प्रस्ताव अभी शुरुआती चरण में है. अधिकारी ने बताया कि फिलहाल जो विद्यार्थी चिकित्सा की पढ़ाई करने के लिए विदेश जाते हैं, उनमें करीब 12 से 15 प्रतिशत स्नातक ही फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स एक्जामिनेशन (एफएमजीई) की परीक्षा में उत्तीर्ण हो पाते हैं. इस परीक्षा का आयोजन भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) करता है.

यह भी पढ़ें  : CBSE NEET 2018 : एंट्रेंस एग्जाम के लिए नोटिफिकेशन जारी, कैंडिडेट्स के लिए कुछ अहम प्वाइंट्स

उन्होंने बताया, 'विदेश से पढ़ाई कर लौटने वाले छात्रों में से मुश्किल से 12 से 15 प्रतिशत स्नातक ही फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स एक्जामिनेशन (एफएमजीई) की परीक्षा पास कर पाते हैं. अगर वे एफएमजीई की परीक्षा पास नहीं करते हैं तो भारत में डॉक्टरी के लिए पंजीकृत नहीं होते पाते हैं.' 

यह भी पढ़ें  : 'इस साल से 'नीट' में सभी भाषाओं के लिए एक जैसे होंगे प्रश्न-पत्र'

अधिकारी ने बताया, 'ऐसे मामलों में वे गैर कानूनी रूप से डॉक्टरी का पेशा चलाते हैं जो खतरनाक हो सकता है. इसलिए इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सिर्फ सक्षम छात्र ही विदेशों के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के लिए जाएं.' वर्तमान में मेडिकल पाठ्यक्रम का अध्ययन करने के इच्छुक छात्रों को भारत के बाहर किसी मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए एमसीआई से आवश्यक सर्टिफिकेट लेना होता है.

VIDEO : डॉक्टरी पढ़ने विदेश जाने वालों को भी पास करना होगा NEET


हर साल करीब 7,000 छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं. उनमें से अधिकतर चीन और रूस जाते हैं. अधिकारी ने कहा कि नए प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद भारत से बाहर जाकर मेडिकल की पढ़ाई करने के इच्छुक उन्हीं छात्रों को अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) दिया जायेगा जिन्होंने नीट की परीक्षा पास की हो. ऐसी शिकायतें थीं कि एफएमजीई के प्रश्नपत्र बेहद कठिन होते हैं और इसके चलते विदेश से आये छात्र इसमें उत्तीर्ण नहीं हो पाते. लेकिन एफएमजीई पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए बनी समिति ने इसे बिल्कुल उपयुक्त एवं प्रासंगिक पाया. 

(इनपुट : एजेंसी)


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com