खास बातें
- जेईई में चुने जाने के बाद भी नहीं लिया दाखिला
- बचपन से ही सेना में शामिल होने का था सपना
- शिवांश ने अभिभावकों को दिया सफलता श्रेय
नई दिल्ली : कम उम्र में अपने सपने को साकार करने का जज्बा ही शिवांश जोशी की सफलता का एक मूल मंत्र है. शिवांश बचपन से ही चाहते थे कि वह देश की सेवा करें. उनका सपना था कि वह इसके लिए थल सेना में भर्ती हों. सेना के प्रति उनका झुकाव ही था कि उन्होंने आईआईटी में चुने जाने के बाद ही वहां दाखिला नहीं लिया. शिवांश को इसी साल जेईई की परीक्षा में सफलता मिली थी. अपनी लगन और कड़ी मेहनत की वजह से उत्तराखंड के शिवांश ने भारतीय रक्षा अकादमी (NDA) की प्रवेश परीक्षा में टॉप किया है. उन्होंने यह साबित किया कि अगर आपको लक्ष्य पता है तो आप मेहनत करके उसे हासिल कर सकते हैं. शिवांश अब एनडीए की ट्रेनिंग के लिए जाएंगे.
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उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से भारतीय रक्षा अकादमी की प्रवेश परीक्षा में 97 प्रतिशत अंक हासिल किया. 17 साल के प्रतिभावान छात्र शिवांश ने इसी साल लिटिल स्कालर स्कूल से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है. शिवांश के पिता संजीव जोशी वर्तमान में हल्द्वानी में भारतीय जीवन बीमा निगम में सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर और उनकी मां तनुजा जोशी ग्राम चिल्किया के प्राथमिक विद्यालय में बतौर अध्यापिका अपनी सेवाएं दे रही हैं.
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शिवांश बचपन से चाहते थे कि वह थल सेना में जाकर मोर्चा संभालें. शिवांश ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपनी कड़ी मेहनत को दिया है. उन्होंने साथ ही अपने अभिभावक से मिलने वाले मार्ग दर्शन को अपनी सफलता के लिए एक बड़ी वजह बताया.