ये हैं वो 5 दिव्यांग बच्चे, जिन्होंने 2017 में अपनी मेहनत से कायम की मिसाल

कड़ी मेहतन और अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति की मदद से इन सभी बच्चों ने हासिल की बुलंदी

ये हैं वो 5 दिव्यांग बच्चे, जिन्होंने 2017 में अपनी मेहनत से कायम की मिसाल

प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली:

किसी भी परीक्षा को अच्छे अंक के साथ पास करना सभी छात्रों को ख्वाब होता है. इसके लिए सभी छात्र कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन कामयाबी उन्हें ही हासिल होती हो जो अपनी सभी कमजोरी और बाधाओं को पीछे छोड़ जी-तोड़ मेहनत करते हैं. आज हम आपको ऐसे ही 5 दिव्यांग बच्चों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी कमजोरी को ताकत बनाकर न सिर्फ परीक्षा में टॉप किया बल्कि दूसरे के लिए एक मिशाल भी बने. आइये जानते हैं इन बच्चों के बारे में.....

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किरन दापकर ने लहराया परचम 
अपनी कड़ी मेहनत से आईआईटी जेईई में टॉप करने वाले किरन दापकर ने अपने ऐसे कई दिव्यांग बच्चों को कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया. दापकर ने फिजिकल डिसेबल कैटेगरी में टॉप किया जबकि इस साल उन्होंने ओवर ऑल 14 रैंक हासिल किया. दापकर ने पुणे से परीक्षा दी थी. 

सीबीएसई के टॉपर बने अजेय
दिव्यांग कैटेगरी में केरल के अजय आर राज ने इस साल सीबीएसई परीक्षा में देशभर में टॉप किया. अजय आशिंक रूप से दृष्टिहीन अजय के पिता एक ऑटो चालक हैं. अजय ने इस साल परीक्षा में कुल 98 फीसदी अंक लाने के साथ इस कैटेगरी में टॉप किया है. 

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यूपीएससी में रोनांकी ने किया टॉप
आंध्र प्रदेश के रहने वाले गोपालकृष्ण रोनांकी ने इस साल यूपीएससी में टॉप किया. उन्होंने दिव्यांग कैटेगरी में टॉप किया था. हालांकि बाद में रोनांकी के ऊपर फर्जी कागजात का सहारा लेकर गलत कैटेगरी से परीक्षा देने का आरोप लगा था. जिसपर पार में कोर्ट ने उनसे जवाब मांगा था. 

दसवीं की परीक्षा में सेलवन किया टॉप 
19 वर्षीय सी सेलवन ने राज्य में दिव्यांग कैटेगरी के तहत दसवीं परीक्षा में टॉप किया है. सेलवन ने कुल 500 में से 480 अंक हासिल किए. सेलवन का सपना है कि वह आगे चलकर यूपीएससी की परीक्षा दें और उसे पास करने के साथ ही समाज की सेवा कर सकें. 

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जी थिलावाथी ने केरल बोर्ड में किया टॉप
अपनी जी-तोड़ मेहनत की वजह से ही जी थिलावाथी ने दिव्यांग कैटेगरी में दसवीं की परीक्षा में टॉप किया. थिलावाथी की मां ने बताया कि वह पढ़ाई को लेकर इतनी समर्पित थीं कि परीक्षा से कुछ दिन पहले उनके इलाके में आए चक्रवाती तूफान की वजह से उनका घर टूट गया था. इसके बाद भी उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी.

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उसकी मेहनत का ही नतीजा है कि उसने टॉप किया.


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