मेडिकल प्रवेश परीक्षा: मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करेगी तमिलनाडु सरकार

स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्री सी विजयभास्कर ने कहा कि सरकार अपने ‘‘नीतिगत निर्णय’’ के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, ‘‘ एकल न्यायधीश वाली पीठ ने (सरकारी आदेश को रद्द करने वाला) आदेश जारी किया है. हम तत्काल उच्च न्यायालय की खंड पीठ के समक्ष याचिका दाखिल करेंगे.’’

मेडिकल प्रवेश परीक्षा: मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करेगी तमिलनाडु सरकार

तमिलनाडु सरकार ने आज कहा कि वह राज्य बोर्ड से पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए 85 प्रतिशत औेर सीबीएसई तथा अन्य बोर्ड के छात्रों के लिए 15 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के उसके फैसले को रद्द करने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल करेगी.

स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्री सी विजयभास्कर ने कहा कि सरकार अपने ‘‘नीतिगत निर्णय’’ के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, ‘‘ एकल न्यायधीश वाली पीठ ने (सरकारी आदेश को रद्द करने वाला) आदेश जारी किया है. हम तत्काल उच्च न्यायालय की खंड पीठ के समक्ष याचिका दाखिल करेंगे.’’ न्यायमूर्ति के रविचंद्रबाबू ने 22 जून के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीएससी के कुछ छात्रों की याचिका मंजूर करते हुए कहा कि विवादित आरक्षण कानून की नजर में खराब है और संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) का उल्लंघन है.

न्यायमूर्ति रविचंद्रबाबू ने कहा कि आरक्षण ने अप्रत्यक्ष रूप से नीट के उद्देश्य और प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया है और चयन प्रक्रिया से समझौता हुआ.

न्यायमूर्ति ने अधिकारियों से नई मेरिट लिस्ट बनाने और उसके अनुरूप प्रवेश के लिए काउंसिलिंग करने के निर्देश दिए हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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