किसान का बेटा 12वीं में लाया 98.2% नंबर, मिला US की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में फुल स्कॉलरशिप के साथ पढ़ने का मौका

उत्तर प्रदेश के गांव में एक किसान के बेटे नें 12वीं क्लास में 98.2 फीसदी नंबर हासिल करके कई बच्चों के लिए मिसाल कायम की है.

उत्तर प्रदेश के गांव में एक किसान के बेटे नें 12वीं क्लास में 98.2 फीसदी नंबर हासिल करके कई बच्चों के लिए मिसाल कायम की है. किसान के बेटे की इस सफलता ने उनके लिए विदेश में पढ़ाई करने का रास्ता खोल दिया है, जो ज्यादातर बच्चों का सपना होता है. दरअसल, 12वीं में 98.2 फीसदी नंबर हासिल करने पर उन्हें यूएस (US) की एक प्रतिष्ठित आइवी लीग यूनिवर्सिटी में स्कोलरशिप के माध्यम से एडमिशन का मौका मिला है. लखीमपुर जिले के सरसन गांव से ताल्लुक रखने वाले अनुराग तिवारी ने अपनी इस सफलता पर बताया कि उन्हें अमेरिका में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी (Cornell University) में सेलेक्ट किया गया है, जहां वह इकोनॉमिक्स में उच्च शिक्षा प्राप्त करेंगे.

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा सोमवार को घोषित परीक्षा परिणामों में ह्यूमैनिटीज के 18-वर्षीय स्टूडेंट अनुराग तिवारी को गणित में 95, अंग्रेजी में 97, राजनीति विज्ञान में 99 और इतिहास और इकोनॉमिक्स दोनों में पूरे 100 नंबर मिले हैं. 12वीं क्लास में शानदार स्कोर करके विदेश में पढ़ाई करने के सपने को सच करने वाले अनुराग ने स्कॉलैस्टिक असेसमेंट टेस्ट (SAT) में 1,370 अंक हासिल किए हैं, जिसका इस्तेमाल अमेरिका के प्रमुख कॉलेजों में प्रवेश के लिए किया जाता है.

अनुराग ने बताया कि उनके लिए यह सफर बिल्कुल आसान नहीं था. उन्होंने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से उन्हें पढ़ाई  के लिए सीतापुर जिले में एक आवासीय विद्यालय में जाना पड़ा था. अनुराग ने आगे बताया, "मेरे माता-पिता शुरू में मुझे सीतापुर भेजने के लिए सहमत नहीं थे. मेरे पिता एक किसान हैं और मां हाउसवाइफ हैं. उन्होंने सोचा कि अगर मैं पढ़ाई के लिए चला गया, तो मैं खेती में नहीं लौटूंगा, लेकिन मेरी बहनों ने उन्हें मुझे पढ़ाई करने की इजाज़त देने के लिए राज़ी किया. लेकिन अब सब बहुत खुश हैं और उन्हें मुझ पर गर्व है."

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अपने माता-पिता के साथ अनुराग तिवारी.
 

बता दें कि अनुराग इंग्लिश भी बहुत अच्छी बोलते हैं. उनसे जब उनकी अच्छी इंग्लिश के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब कक्षा छठी के बाद उन्होंने दूसरे स्कूल में एडमिशन लिया, तब उनकी इंग्लिश में सुधार आया. उन्होंने आगे कहा, "यहां आने के 2 साल तक मैं मुश्किल से अंग्रेजी बोल पाता था. हालांकि, मैंने बहुत मेहनत की और समझा कि कोई कैसे बोलता है और ऐसे मुझे इंग्लिश बोलनी आ गई, लेकिन मैं अभी भी सुधार की कोशिश कर रहा हूं."

विदेश में पढ़ाई करने के विचार पर, अनुराग ने कहा कि उनका झुकाव हमेशा ह्यूमैनिटीज और लिबरल आर्ट्स में रहा है. उन्होंने कहा, "दिल्ली में मेरे शिक्षकों और काउंसलर्स ने मुझे आइवी लीग कॉलेजों के लिए ट्राई करने की सलाह दी. हमारे देश में विभिन्न अच्छे कॉलेज हैं, लेकिन विदेशों में पढ़ाई करना भी एक अच्छा ऑप्शन है. इसलिए मैंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में आवेदन किया और SAT एग्जाम दिया."

अनुराग ने कहा कि वे अगस्त में  कॉर्नेल विश्वविद्यालय जाने वाले थे, लेकिन कुछ यात्रा और वीजा प्रतिबंधों के कारण जो अभी संभव नहीं है. वह अब फरवरी 2021 तक वहां जा सकते हैं. 

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अनुराग ने कहा, "अपनी शिक्षा पूरी करने और कुछ एक्सपीरियंस प्राप्त करने के बाद, मैं निश्चित रूप से भारत लौटना चाहूंगा और यहां शिक्षा क्षेत्र में भी योगदान दूंगा."