What is NPR?: क्या है नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर? जानिए इसके बारे में सब कुछ

National Population Register: कैबिनेट से जनगणना 2021 के लिए 8,754.23 करोड़ और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के अपडेशन के लिए 3,941.35 करोड़ की मंजूरी मिली है.

What is NPR?: क्या है नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर? जानिए इसके बारे में सब कुछ

NPR सभी भारतीय निवासियों की पहचान का एक डेटाबेस है.

खास बातें

  • नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को मंजूरी मिल गई है.
  • एनपीआर को 2021 जनगणना के साथ अपडेट किया जाएगा.
  • एनपीआर अपडेशन के लिए 3,941 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है.
नई दिल्ली:

केंद्रीय कैबिनेट ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (National Population Register) को अपडेट करने की मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अप्रैल से सितंबर 2020 तक जनगणना होगी. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR, National Population Register) में अपना नाम दर्ज कराने के लिए किसी दस्तावेज या बायोमीट्रिक की जरूरत नहीं होगी. जो भी भारत में रहता है, उसकी गणना होगी. कैबिनेट से जनगणना 2021 के लिए 8,754.23 करोड़ और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के अपडेशन के लिए 3,941.35 करोड़ की मंजूरी मिली है. इसके लिए एक विशेष ऐप तैयार किया गया है. नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) के तहत डेटाबेस तैयार करने के लिए 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी घर-घर जाकर नागरिकों से आंकड़े जुटाएंगे.

यह रजिस्टर नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है. एनपीआर के लिए प्रत्येक व्यक्ति के बारे में 15 जानकारियां जुटाई जाएंगी, जिसमें व्यक्ति का नाम, माता पिता, लिंग, जन्म, शैक्षणिक स्थिति, पता आदि शामिल हैं,

क्या है नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (What is NPR)
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) सभी भारतीय निवासियों की पहचान का एक डेटाबेस है. ये डेटाबेस भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त द्वारा मैनेज किया जाता है. भारत के प्रत्येक सामान्य निवासी के लिए एनपीआर में पंजीकरण कराना अनिवार्य है. कोई भी व्यक्ति जो 6 महीने या उससे अधिक समय से किसी इलाके में रह रहा हो तो उसे नागरिक रजिस्टर में जरूरी रजिस्ट्रेशन कराना होता है.

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क्या करेगा नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (What will NPR do?)

सरकारी योजनाओं के अन्तर्गत दिया जाने वाला लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे और व्यक्ति की पहचान की जा सके.
सोशियो इकोनॉमिक कास्ट सेंसस (SECC) एनपीआर डेटा पर आधारित है, जिसे बाद में विभिन्न प्रकार के लाभार्थियों को तय करने के लिए उपयोग किया गया था. आयुष्मान भारत, जन धन योजना, प्रधान मंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, सौभाग्या आदि योजनाओं के बेहतर लक्ष्यीकरण में घरेलू वार एनपीआर डेटा का उपयोग किया गया था.
एनपीआर विभिन्न सरकारी योजनाओं/कार्यक्रमों के तहत लाभ के वितरण तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करेगा.

नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) का उद्देश्य 
ऑफिस ऑफ रजिस्ट्रार जनरल और एंड सेंसस कमिश्नर की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक एनपीआर का उद्देश्य देश में हर सामान्य निवासी का एक व्यापक पहचान डेटाबेस तैयार करना है. 

कैसे हुई एनपीआर की शुरुआत (How did NPR start?)
यूपीए सरकार ने साल 2010 में NPR बनाने की पहल शुरू की थी. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर) के लिए 2011 की जनगणना के पहले 2010 में डेटा कलेक्ट किया गया था. इस डेटा को घर-घर जाकर सर्वे करके 2015 में अपडेट किया गया था. 

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NPR की स्थिति क्या है.
-2011 जनगणना के लिए 2010 में डेटा जमा किया गया था.
-2015 में घर-घर जाकर सर्वे करके इसे अपडेट किया गया.
-अपडेटेड जानकारी का डिजिटलाइजेशन हो चुका है .
-2021 जनगणना के साथ इसे अपडेट किया जाएगा.