मध्य प्रदेश में स्वाइन फ्लू का कहर, भोपाल में 11 दिनों में 11 लोगों की मौत

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले 11 दिनों में स्वाइन फ्लू से 11 मरीजों की मौत हो चुकी है. पूरे राज्य में इस बीमारी से अब तक 23 मरीज दम तोड़ चुके हैं.

मध्य प्रदेश में स्वाइन फ्लू का कहर, भोपाल में 11 दिनों में 11 लोगों की मौत

भोपाल:

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले 11 दिनों में स्वाइन फ्लू से 11 मरीजों की मौत हो चुकी है. पूरे राज्य में इस बीमारी से अब तक 23 मरीज दम तोड़ चुके हैं. 52 साल के राजेंद्र गुप्ता जब शहडोल में इलाज करा रहे थे तो डॉक्टरों को लगा निमोनिया है. उन्हें जबलपुर रेफर किया गया. वहां स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. उनके भतीजे आशीष गुप्ता ने कहा कि जबलपुर में डॉक्टरों ने बताया उन्हें सही से इलाज नहीं मिला. 35 साल के संजय नत्थु भंवरे को निजी अस्पताल से बुरहानपुर के जिला अस्पताल भर्ती कराया गया. हालत नाजुक थी डॉक्टर इंदौर रेफर करते, इससे पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया.

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65 साल के सुधाकर 24 अगस्त से भोपाल के जेपी अस्पताल में भर्ती हैं. शिकायत सर्दी खांसी की थी. जांच हुई तो पता लगा उन्हें स्वाइन फ्लू है. उनकी बेटी ज्योति ने बताया, हम जहां रहते हैं, वो जंगल का इलाका है, नालियां नहीं बनी हैं. उन्हें दमे की बीमारी है, इसलिये लाकर भर्ती कराया. अब डॉक्टरों ने बताया है कि इन्हें स्वाइन फ्लू है.

राजधानी भोपाल के बड़े-बड़े सरकारी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए अलग वॉर्ड बनाए गए हैं. अस्पताल के सीएमओ सुधीर जैसवानी ने बताया, हमारे अस्पताल में स्वाइन फ्लू वॉर्ड है, वेंटिलेटर है. अभी मरीज़ आ रहे हैं, सबकी हिस्ट्री है बाहर से सफर करके आए हैं, जैसे महाराष्ट्र, गुजरात, यूपी. कई मरीज़ ऐसे आए जो डायबिटीज़ से पीड़ित थे और उनमें बीमारी से लड़ने की क्षमता कम थी.

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2015 में जब देश स्वाइन फ्लू की गिरफ्त में था उस वक्त मध्य प्रदेश में स्वाइन फ्लू के 2,445 मामले आए थे, जिसमें 367 मरीज़ों की मौत हुई थी. मध्यप्रदेश में इस बार स्वाइन फ्लू के 455 संदिग्ध मामलों में 101 लोग स्वाइन फ्लू के लिये पॉज़िटिव पाए गए, जिसमें 16 की मौत हो गई.

VIDEO : भोपाल में स्वाइन फ्लू से 11 लोगों की मौत
सरकार खुद मान रही है कि जांच के लिए लैब की कमी बड़ा बाधा है. इसके लिए उसने केंद्र से गुजारिश की है. स्वास्थ्य मंत्री रूस्तम सिंह ने कहा, मैं जेपी नड्डा जी से आग्रह किया, जितने मेडिकल कॉलेज हैं, उसमें लैब हों उन्होंने सैद्धांतिक सहमति दी है. फिलहाल मध्य प्रदेश में तीन लैब हैं, लेकिन इंदौर-उज्जैन-सागर-रीवा जैसे शहरों में कोई लैब नहीं है. राजधानी भोपाल में सर्दी और बुखार के मरीजों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं. सरकार लोगों से एहतियात बरतने की अपील कर रही है. प्रभावित राज्य से आनेवाले लोगों के लिए बाकायदा एडवाइज़री भी जारी की गई है.


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