जेएनयू में रविवार को हिंसा की घटना हुई थी.
खास बातें
- कहा- वाम कार्यकर्ताओं ने नियोजित ढंग से हमले किए
- जेएनयू ने सेमेस्टर पंजीकरण की तारीख आगे बढ़ा दी
- JNU के सीआईएस को बुरी तरह नुकसान पहुंचा है
नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने सोमवार को आरोप लगाया कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में शिक्षकों एवं छात्रों पर किए गए हमले में वामपंथी कार्यकर्ताओं का हाथ था. उधर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने सर्वर ठप रहने के कारण सेमेस्टर पंजीकरण प्रक्रिया की तारीख रविवार तक बढ़ा दी है.
एबीवीपी की जेएनयू इकाई के सचिव मनीष जांगीड़ ने आरोप लगाया कि “वाम कार्यकर्ताओं ने नियोजित ढंग से हमलों को अंजाम दिया.” साथ ही उन्होंने दावा किया कि नकाबपोश हमलावरों की अगुवाई जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष कर रहीं थीं.
जेएनयू ने सर्वर ठप रहने के कारण सेमेस्टर पंजीकरण प्रक्रिया की तारीख रविवार तक बढ़ा दी है. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने एक बयान में कहा है कि कुछ, “शरारती तत्वों” ने “अपना आंदोलन जारी रखने के तहत” विश्वविद्यालय के सूचना एवं संचार सेवा (सीआईएस) को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है.
उन्होंने बताया कि इसके चलते सीआईएस डेटा सेंटर तक आपूर्ति पूरी तरह बाधित है, ऑप्टिक फाइबर केबलों और सभी रेक की बिजली के तारों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है. कुमार ने बताया, “जेएनयू क्लाउड और अन्य सूचना एवं संचार प्रणाली पूरी तरह ठप पड़ गई है.”
(इनपुट भाषा से)