अब दिल्ली में गाजीपुर सीमा पर भी मजबूत हो रहा किसानों का मोर्चा

गाजीपुर बार्डर पर जैसे-जैसे धरने के दिन बीत रहे हैं किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही, वाटर प्रूफ तंबू लग चुके

अब दिल्ली में गाजीपुर सीमा पर भी मजबूत हो रहा किसानों का मोर्चा

गाजीपुर बार्डर पर सड़क पर बैठे किसान.

नई दिल्ली:

दिल्ली के सिंघू और टिकरी बार्डर की तरह ही अब गाजीपुर बार्डर पर भी किसानों के धरने का मोर्चा लगातार मजबूत हो रहा है. यही नहीं सिंघू बार्डर से किसानों की राहत सामाग्री भी यहां लगातार पहुंचाई जा रही है.  गाजीपुर बार्डर पर किसानों ने बताया कि कैसे मुश्किल झेलते हुए यहां पहुंचे. पीलीभीत, नवाबगंज बरेली और रामपुर टोलप्लाजा पर रोका गया लेकिन वे नहीं रुके.

लखीमपुर के जसवंत सिंह पुलिस प्रशासन के साथ तमाम जद्दोजहद कर तीन दिन बाद गाजीपुर बार्डर पहुंचकर अपनी आपबीती सुना रहे हैं. गाजीपुर बार्डर पर जैसे-जैसे धरने के दिन बीत रहे हैं किसानों की संख्या कम होने के बजाए लगातार बढ़ रही है. 25 तारीख को सैकड़ों ट्रैक्टर यूपी से और आ सकते हैं लिहाजा अब यहां भी सिंघू और टिकरी बार्डर की तरह वाटर प्रूफ तंबू लग चुके हैं और पक्की सड़कों पर मजबूत टेंट लगाए जा रहे हैं.

मुरादाबाद में कल किसानों को रोक दिया गया था जिससे नाराज किसानों ने दोनों तरफ का रास्ता बंद कर दिया था लेकिन आज प्रशासन से बात करके एक तरफ का रास्ता खोल दिया गया है.

लखीमपुर के किसान सुखविंदर ने कहा कि हमारी चार सौ ट्राली को रामपुर में रोक दिया था बाकायदा उनको वापस भेजने का मन था. मंगलवार को गाजीपुर बार्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत नाराज दिखे. वे कह रहे थे अगर किसी को गुंडागर्द करनी है तो वो धरना स्थल से जा सकता है. हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे. खोलिए इस सड़क को. 

गाजीपुर बार्डर पर मीडिया के साथ मारपीट की घटना की शिकायत आने के बाद वे नाराज हो गए. इन घटनाओं से सबक लेते हुए तुरंत किसान नेताओं ने एक कंट्रोल रूम बनाया है. इसकी कमान तेजतर्रार युवा जतिंदर सिंह के हाथों में है. आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से चलाया जा सके और कहां से कितने किसान ट्रैक्टर में आ रहे हैं सबका लेखाजोखा रखा जा रहा है. जतिंदर सिंह ने कहा कि हमारे आंदोलन को कोई बदनाम न कर सके, शांतिपूर्ण तरीके से चले, इसके लिए हमने कंट्रोल रूम बनाया है.

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किसान समझ चुके हैं कि पहली लड़ाई सरकार के साथ और दूसरी लड़ाई बेरहम मौसम से उन्हें खुद लड़नी पड़ेगी लिहाजा किसानों का हौसला सड़क पर और तैयारियां उनके टेंट में दिखने लगी हैं. गाजीपुर बार्डर पर किसानों की मोर्चाबंदी लगातार मजबूत होती जा रही है.