यह ख़बर 27 नवंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

कानपुर वन-डे : शिखर धवन के शानदार शतक से भारत ने जीत ली शृंखला

कानपुर:

'मैन ऑफ द मैच' चुने गए सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (119 रन, 95 गेंद, 20 चौके) के शानदार शतक और अपने स्टाइल के विपरीत संभलकर खेले युवराज सिंह (55 रन, 74 गेंद, सात चौके) के अर्द्धशतक की बदौलत भारत ने कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेले गए तीसरे और आखिरी एक-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में मेहमान वेस्ट इंडीज़ को 23 गेंदें शेष रहते पांच विकेट से हराकर शृंखला 2-1 से जीत ली। वेस्ट इंडीज़ की तरफ से कप्तान ड्वेन ब्रावो तथा रवि रामपाल ने दो-दो तथा सुनील नारायण ने एक भारतीय खिलाड़ी को आउट किया।

भारतीय पारी में पूरी तरह शिखर धवन छाए रहे, जो दूसरे छोर पर शुरुआत में जल्दी-जल्दी दो विकेट गिर जाने के बावजूद रुके नहीं, और सिर्फ 73 गेंदों में शतक ठोक डाला। 264 रन के विजय लक्ष्य का पीछा कर रही टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (चार रन, 14 गेंद) और बेहतरीन फॉर्म में चल रहे विराट कोहली (19 रन, 18 गेंद, तीन चौके) पारी के नौवें ओवर के खात्मे तक आउट हो चुके थे, लेकिन उसके बाद मैदान में आए युवराज सिंह ने शिखर का बखूबी साथ निभाया, और दोनों बल्लेबाजों के बीच 129 रनों की साझेदारी हुई। वैसे, शृंखला के दौरान शीर्ष स्कोरर (68 की औसत से 204 रन) होने की बदौलत विराट कोहली को 'मैन ऑफ द सीरीज़' चुना गया।

टीम इंडिया का पहला विकेट पारी के पांचवें ओवर में 20 के कुल योग पर रोहित शर्मा के रूप में गिरा था, जिन्हें रवि रामपाल ने कप्तान ड्वेन ब्रावो के हाथों कैच करवाया था। इसके बाद आए विराट कोहली ने शिखर धवन की तरह ही तेजतर्रार शॉट खेलने शुरू किए, लेकिन ज़्यादा देर टिक नहीं पाए, और पारी के नौवें ओवर में रामपाल की ही गेंद पर विकेट के पीछे जॉनसन चार्ल्स को कैच थमा बैठे। उस समय भारतीय टीम का कुल स्कोर 61 रन था।

भारतीय टीम का तीसरा विकेट युवराज सिंह का गिरा, जिन्होंने सुनील नारायण की गेंद पर ड्वेन ब्रावो को कैच थमाया, और चौथे विकेट के रूप में शिखर धवन पैवेलियन लौटे, जिन्हें विपक्षी कप्तान ड्वेन ब्रावो ने अपनी ही गेंद पर लपका। इसके बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और अपने जन्मदिन पर खेल रहे सुरेश रैना (34 रन, 43 गेंद, तीन चौके) ने भी 37 रनों की साझेदारी की, लेकिन जीत से पहले ही रैना विदा हो गए। उन्हें विपक्षी कप्तान ब्रावो ने विकेट के पीछे जॉनसन चार्ल्स के हाथों कैच करवाया। उस समय भारत को जीत के लिए कुल नौ रनों की ज़रूरत थी। मैदान से धोनी (23 रन, 23 गेंद, तीन चौके) और रवींद्र जडेजा (दो रन, 11 गेंद) नाबाद लौटे।

इससे पहले, टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करने वाली मेहमान वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट टीम को ग्रीन पार्क स्टेडियम में भारतीय गेंदबाजों ने बांधकर रख दिया था, और उन्हें खुलकर नहीं खेलने दिया। शृंखला के तीसरे मुकाबले में मेहमान निर्धारित 50 ओवरों में पांच विकेट के नुकसान पर सिर्फ 263 रन बना पाए। पारी समाप्त होने पर डैरेन ब्रावो (51* रन, 53 गेंद, चार चौके, दो छक्के) तथा डैरेन सैमी (37* रन, 29 गेंद, एक चौका, दो छक्के) नाबाद लौटे। भारत की ओर से रविचंद्रन अश्विन ने दो, तथा भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शामी व रवींद्र जडेजा ने एक-एक विकेट चटकाया।

सुबह मैच शुरू होते ही भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने जलवा दिखाया था, और वेस्ट इंडीज़ का पहला विकेट सलामी बल्लेबाज जॉनसन चार्ल्स (11 रन, 20 गेंद, दो चौके) के रूप में गिरा दिया। भुवनेश्वर ने चार्ल्स को क्लीन बोल्ड किया, और उस वक्त वेस्ट इंडीज़ का कुल योग 20 रन था।

उसके बाद कीरॉन पॉवेल (70 रन, 81 गेंद, नौ चौके) तथा मार्लोन सैमुअल्स (71 रन, 93 गेंद, सात चौके, एक छक्का) ने पारी को काफी हद तक संभाल लिया, और ठोस खेल दिखाया। पॉवेल ने सैमुअल्स के साथ 117 रन जोड़े और अपनी टीम को मजबूती प्रदान की, लेकिन पारी के 30वें ओवर में रविचंद्रन अश्विन ने पॉवेल को शिखर धवन के हाथों लपकवाकर पैवेलियन लौटा दिया। पॉवेल का विकेट 137 रनों के कुल योग पर गिरा था।

इसके बाद मेहमान बल्लेबाजों की ओर से सिर्फ छठे विकेट के लिए डैरेन ब्रावो तथा डैरेन सैमी के बीच 67 रन की साझेदारी हो पाई, लेकिन इससे पहले  उनके बल्लेबाज सिर्फ संघर्ष करते दिखते रहे। पॉवेल के विकेट के बाद भारतीय गेंदबाजों ने जल्दी-जल्दी विकेट झटकना शुरू कर दिया। पारी के 36वें ओवर में अश्विन फिर चमके और सैमुअल्स को क्लीन बोल्ड कर डाला। इसके बाद आए डैरेन ब्रावो ने भी कुछ अच्छे शॉट खेले और पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन दूसरे छोर पर विकेट गिरते रहे। पारी के 39वें ओवर में चौथा विकेट लेंडल सिमन्स (13 रन, 14 गेंद, दो चौके) का गिरा, जिन्हें रवींद्र जडेजा ने विकेटकीपर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों लपकवाया, और फिर 42वें ओवर में मोहम्मद शामी ने विपक्षी कप्तान ड्वेन ब्रावो (चार रन, 11 गेंद) को अश्विन के हाथों कैच कराया।

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शृंखला में इस मैच से पहले दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं, क्योंकि भारत ने कोच्चि में खेले गए पहले मैच में छह विकेट से जीत हासिल की थी, जबकि विशाखापट्टनम में कैरेबियाई टीम ने दो विकेट से जीत हासिल कर शृंखला को बराबरी पर ला खड़ा किया था।