यह ख़बर 14 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

एडिलेड टेस्ट : टीम इंडिया के लिए चार सकारात्मक बातें

नई दिल्ली:

भारत एडिलेड टेस्ट जरूर हार गया, लेकिन इस मैच में भारतीय टीम का प्रदर्शन मुकाबले वाला रहा। ऐसे में एक नजर उन बातों पर, जिसने टीम का हौसला सीरीज के बाकी मैचों के लिए बढ़ा दिया है।

पॉजिटिव एटीट्यूड
एडिलेड टेस्ट में टीम इंडिया ने हमेशा पॉजिटिव एटीट्यूड दिखाया, चाहे वह पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के 517 रनों के विशाल स्कोर का पीछा करना रहा हो या फिर आखिरी दिन 364 रनों के लक्ष्य का पीछा करना। टीम इंडिया ने पॉजिटिव एटीट्यूड के साथ हर चुनौती का मुकाबला किया।

अगर टीम इंडिया ने आखिरी दिन इस टेस्ट को ड्रॉ करने की कोशिश की होती, तो शायद भारत यह मैच बचा सकता था, लेकिन कप्तान कोहली ने मैच के बाद कहा कि उन्होंने कभी ड्रॉ के बारे में सोचा नहीं। अगर टीम इंडिया इसी एटीट्यूड से सीरीज में खेलती रही, तो बाकी तीनों मैच भी बेहद रोमांचक होने वाले हैं।
 
कोहली की शानदार बल्लेबाजी
एडिलेड में भारत की ओर से हीरो साबित हुए विराट कोहली। बतौर कप्तान यह विराट कोहली का पहला टेस्ट था, लेकिन उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से इस टेस्ट को यादगार बना दिया। पहली पारी में उनके शतक की बदौलत टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया को करारा जवाब दे पाई और दूसरी पारी में उनके शतक की बदौलत टीम इंडिया ऐतिहासिक जीत के करीब पहुंच गई थी। हालांकि कोहली टीम को जीत नहीं दिला पाए, लेकिन कप्तान के तौर पर पहले ही टेस्ट की दोनों पारियों में शतक का करिश्मा उन्होंने कर दिखाया। कोहली का फॉर्म में लौटना ऑस्ट्रेलियाई खेमे की चिंता बढ़ाने वाला है।

लय में बल्लेबाज
एडिलेड में टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने शानदार खेल दिखाया। मुरली विजय टेस्ट की दोनों पारियों में हाफ सेंचुरी बनाने में कामयाब हुए, जबकि चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने मैच की पहली पारी में अहम अर्धशतक बनाया। हालांकि इन बल्लेबाजों ने दूसरी पारी में भी बेहतर खेल दिखाया होता, तो मैच का नतीजा कुछ और हो सकता था। बहरहाल सीरीज के बाकी मैचों के लिए टीम इंडिया के बल्लेबाज पूरी तरह लय में दिख रहे हैं।

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चुनौती के लिए तैयार युवा
एडिलेड टेस्ट के दौरान जिस भारतीय टीम ने जोरदार प्रदर्शन दिखाया, वह अपेक्षाकृत युवा टीम है। टीम के ज्यादातर खिलाड़ियों के लिए यह ऑस्ट्रेलिया में खेलने का पहला मौका था, लेकिन टीम के युवा खिलाड़ियों ने शानदार संघर्ष दिखाया। चाहे बल्लेबाजी में रहाणे हों या गेंदबाजी में पहला टेस्ट खेल रहे कर्ण शर्मा, हर खिलाड़ी टीम के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाने को तैयार दिखे। इन युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन से जाहिर है कि टीम इंडिया इस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को बराबरी की टक्कर देने को तैयार है।