यह ख़बर 24 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

विराट कोहली और शिखर धवन के बीच बढ़ती दूरियां

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

टीम इंडिया के दो सबसे प्रतिभावान खिलाड़ी शिखर धवन और विराट कोहली के बीच इस वक्त सब कुछ सही नजर नहीं आता। खबर है कि ब्रिसबेन टेस्ट मैच में दोनों खिलाड़ियों के बीच, जो मतभेद शुरू हुआ तो अभी तक सुलझ नहीं पाया है। मामला सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन से शुरू हुआ, जब शिखर धवन की कलाई में मैच से पहले अभ्यास के दौरान चोट लग गई और वह बल्लेबाज़ी करने मैदान पर नहीं उतरे।

नतीजतन विराट कोहली को बल्लेबाजी करने जाना पड़ा और यहीं से कोहली का पारा गरम हो गया। वह इस बात से नाराज थे कि उन्हें बल्लेबाजी के लिए मानसिक रूप से तैयार होने का समय ही नहीं मिला हालांकि इस बात को पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने हास्यास्पद बताया क्योंकि कई बार सलामी बल्लेबाजों को बल्लेबाजी के लिए तैयार होने के लिए इससे भी कम वक्त मिलता है, लेकिन यहां बात विराट कोहली की साख की थी, जो पिछले मैच की दोनों पारियों में शतक बना चुके थे।

कोहली पारी में नाकाम रहे और एक रन बनाकर, उन्हें मिचेल जॉनसन ने आउट कर दिया। ड्रेसिंग रूम में उन्होंने शिखर पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर अपनी चोट को बढ़ा-चढ़ा कर बता रहे हैं और हकीकत में वह ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों का सामना नहीं करना चाहते।

बस फिर क्या था, अपनी मूछों पर ताव देते शिखर ने कोहली को तुरंत जवाब दे दिया कि वह किसी गेदंबाज से नहीं डरते और
अगर उनकी चोट गंभीर नहीं होती तो बल्लेबाजी करने जरूर जाते।

शिखर जब बल्लेबाजी करने गए और अपनी 81 रनों की पारी में उन्होंने कुछ ऐसे शॉट्स खेले, जिन्हें आप एक चोटिल कलाई के साथ हरगिज़ नहीं खेल सकते तो कोहली ने अपने आरोप ड्रेसिंग रूम में फिर से दोहराए।

माना जा रहा है कि रवि शास्त्री ने दोनों के बीच सुलह कराने की कोशिश की और वह काफी हद तक तो सफल भी हो गए, लेकिन
फिर भी दोनों में वो गर्म जोशी नहीं देखी जा रही, जो पहले थी।

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कुछ तो ये भी मानते हैं कि इस मामले की असली जड़ दोनों खिलाड़ियों के दिल्ली रणजी टीम में बिताए हुए दिनों से शुरू होती है। कोहली जब नए-नए दिल्ली की टीम में आए थे तो टीम में सीनियर शिखर उन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं देते थे। मगर टीम इंडिया में आते आते मामला उल्टा हो गया, जहां कोहली अब शिखर के कप्तान हैं। अब मामले की असली हकीकत तो दोनों खिलाड़ी या फिर टीम मैनेजमेंट ही जानते हैं, लेकिन न जाने क्यों सालों से भारत के सलामी बल्लेबाज़ और भारतीय कप्तानों के बीच मन-मुटाव की बातें कभी थमने का नाम ही नहीं लेतीं।