यह ख़बर 22 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

एशिया कप : पाकिस्तान ने बांग्लादेश को 2 रन से हराया

खास बातें

  • पाकिस्तान ने अनुशासित गेंदबाजी और शानदार क्षेत्ररक्षण से अंत में मुश्किल क्षणों से पार पाते हुए छोटे लक्ष्य का बचाव किया और बांग्लादेश को उपमहाद्वीपिय क्रिकेट टूर्नामेंट के रोमांचक फाइनल में दो रन से पराजित कर दूसरी बार एशिया कप ट्राफी अपने नाम की।
मीरपुर:

पाकिस्तान ने अनुशासित गेंदबाजी और शानदार क्षेत्ररक्षण से अंत में मुश्किल क्षणों से पार पाते हुए गुरुवार को छोटे लक्ष्य का बचाव किया और बांग्लादेश को उपमहाद्वीपिय क्रिकेट टूर्नामेंट के रोमांचक फाइनल में दो रन से पराजित कर दूसरी बार एशिया कप ट्राफी अपने नाम की।

गत चैम्पियन भारत और श्रीलंका (दोनों चार बार की एशिया कप चैम्पियन) जैसी बड़ी टीमों पर दो उलटफेर भरी जीत दर्ज कर उन्हें टूर्नामेंट से बाहर करने वाली छुपीरूस्तम बांग्लादेश की टीम के लिये तमीम इकबाल (60) और शकिबुल हसन (68) की अर्धशतकीय पारी भी काम नहीं आ सकीं जबकि उसके पास ट्राफी जीतने का यह स्वर्णिम मौका था।

बांग्लादेश ने टास जीतकर पाकिस्तान को बल्लेबाजी का न्यौता दिया और शानदार गेंदबाजी से उसे नौ विकेट पर 236 रन ही बनाने दिये।

एशिया कप के अपने पहले फाइनल में पहुंची बांग्लादेश की टीम इकबाल और हसन के अर्धशतक के बावजूद इस लक्ष्य के जवाब में 50 ओवर में आठ विकेट पर 234 रन ही बना सकी। अंत में मैच रोमाचंक बन गया था और बांग्लादेश ने आखिर तक पूरी कोशिश की लेकिन दो रन से चूक गयी।

बांग्लादेश के लिये सलामी बल्लेबाज इकबाल और नजीमुद्दीन (16) ने अच्छी शुरूआत की जिन्होंने पहले विकेट के लिये 68 रन जोड़े। लेकिन 17वें और 18वें ओवर में क्रमश: नजीमुद्दीन और जाहुरूल इस्लाम (शून्य) के रूप में दो विकेट गिरने से उनकी रन गति धीमी हो गयी।

शाहिद अफरीदी ने पाकिस्तान को पहली सफलता नजीमुद्दीन के विकेट से दिलायी जबकि सईद अजमल ने जाहुरूल का विकेट लिया। दोनों का कैच यूनिस खान ने लपका। इकबाल पवेलियन लौटने वाले तीसरे खिलाड़ी रहे जिन्होंने एशिया कप में टीम के चारों मैचों में अर्धशतकीय पारी खेली। उमर गुल की गेंद पर यूनिस खान को कैच देने से पहले उन्होंने 68 गेंद में आठ चौके की मदद से 60 रन बनाये।

बांग्लादेश को अंतिम 10 ओवर में जीत के लिये 84 रन की जरूरत थी। शकिबुल हसन (72 गेंद में सात चौके और एक छक्के से 68 रन) और नासिर हुसैन (28) ने चौथे विकेट के लिये सर्वाधिक 89 रन जोड़े। हुसैन 43वें और शकिबुल हसन 44वें ओवर में पवेलियन लौटे। कप्तान मुश्फिकर रहिम (10) भी आते ही चलते बने।

फिर 46 ओवर के बाद बांग्लादेश को 24 गेंद में 39 रन की दरकार थी और मुकाबला रोमांचक हो गया। 47वें ओवर में बांग्लादेश ने दबाव के बावजूद तीन चौके की मदद से 14 रन जोड़े। 48वें ओवर में एक विकेट गंवाकर छह रन और 49वें ओवर में 10 रन बने। अंत में छह गेंद में नौ रन चाहिए थे। लेकिन अब्दुर रज्जाक (06) का विकेट गिरने से बांग्लादेश की तमन्ना भी अधूरी रह गयी।

पाकिस्तान की ओर से एजाज चीमा ने सात ओवर में 46 रन देकर तीन विकेट चटकाकर शानदार प्रदर्शन किया जबकि सईद अजमल और उमर गुल ने दो दो विकेट अपने नाम किये। इस तरह पाकिस्तान ने 12 साल के अंतराल पर एशिया कप खिताब हासिल किया, उन्होंने 2000 में बांग्लादेश में ही अपना पहला एशिया कप जीता था।

इससे पहले युवा सरफराज अहमद पाकिस्तान की ओर से 52 गेंद में चार चौके की मदद से नाबाद 46 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहे जबकि अफरीदी ने 22 गेंद में चार चौके और एक छक्के से 32 रन का योगदान दिया। मोहम्मद हफीज (40), उमर अकमल (30) और हम्माद आजम (30) अच्छी शुरूआत करने के बावजूद बड़ी पारी नहीं खेल पाये।

अंत में शहादत हुसैन की लचर गेंदबाजी के अलावा अफरीदी और विकेटकीपर सरफराज की उपयोगी पारियों से पाकिस्तानी टीम बल्लेबाजी का न्यौता मिलने के बाद यह स्कोर बना सकी। शहादत ने पारी के अंतिम ओवर में 19 रन गंवाये जिसमें दो नो बॉल शामिल थी। बांग्लादेश के लिये अनुभवी तेज गेंदबाज मशरफी मुर्तजा ने 48 रन देकर जबकि स्पिन तिकड़ी अब्दुर रज्जाक ने 26 और शकिबुल हसन ने 39 रन देकर दो दो विकेट चटकाये। नजमुल हुसैन (36 रन पर) और महमूदुल्लाह (14 रन पर) ने एक एक विकेट हासिल किये, वहीं शहादत ने अपने नौ ओवर में 63 रन लुटाये।

अनुभवी मुर्तजा और नयी गेंद के उनके साथी नजमुल ने लगातार ओवरों में एक एक विकेट प्राप्त कर पाकिस्तान के 5.2 ओवर में 19 रन पर दो विकेट चटका दिये। बायें हाथ के सलामी बल्लेबाज नसीर जमशेद पांचवें ओवर में आउट होने वाले पहले खिलाड़ी रहे, जिन्होंने मुर्तजा की धीमी गेंद पर कवर पर महमूदुल्ला को आसान कैच दे दिया। पांच गेंद के बाद नजमुल ने अनुभवी यूनिस खान को पगबाधा किया।

हफीज और कप्तान मिस्बाह उल हक (13) ने पारी संभालने का प्रयास करते हुए 31 रन की भागीदारी की लेकिन कप्तान एक रन लेने की कोशिश में नजमुल के सीधे थ्रो से रन आउट हुए। हफीज को सात रन पर जीवनदान मिला था, लेकिन वह अपनी मेहनत को बड़ी पारी में नहीं बदल सके और अर्धशतक से 10 रन पहले अब्दुर रज्जाक की गेंद पर नजमुल को मिड आन पर कैच देकर पवेलियन पहुंचे।

पाकिस्तान ने इस तरह 70 रन के स्कोर पर चार बल्लेबाज गंवा दिये। उमर अकमल और हम्माद आजम ने 59 रन की साझेदारी से टीम को उबारा लेकिन दोनों ने लगातार अपने विकेट खोकर मेहनत पर पानी फेर दिया। अकमल और आजम ने 30.30 रन बनाये। अकमल ने एक छक्के की मदद से 45 गेंद में जबकि आजम ने तीन चौके और एक छक्के से 37 गेंद में यह पारी खेली।

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पाकिस्तान ने 133 रन पर छह विकेट खो दिये। इसके बाद अफरीदी और विकेटकीपर सरफराज ने 44 गेंद में 45 रन जोड़कर जूझती हुई अपनी टीम को राहत दिलायी। अफरीदी शकिबुल हसन की फुल टास पर नासिर हुसैन को कैच दे बैठे । उनके आउट होने के बाद सरफराज जिम्मेदारी से खेले।