ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट क्रिकेट में क्यों नहीं खलेगी वाटसन की कमी?

ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट क्रिकेट में क्यों नहीं खलेगी वाटसन की कमी?

ऑस्‍ट्रेलियाई ऑलराउंडर शेन वाटसन की फाइल फोटो

नई दिल्‍ली:

शेन वाटसन एक जोरदार ऑलराउंडर रहे हैं लेकिन टेस्ट क्रिकेट में वे अपनी पूरी क्षमता के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए।

टेस्ट मैचों में बल्ले से उनके प्रदर्शन पर नजर डालें तो आखिरी शतक उन्होंने 2013 के ऐशेज़ सीरीज मों पर्थ टेस्ट में बनाया था। पांच टेस्ट मैचों की उस सीरीज में वाटसन ने 345 रन बनाए थे। इस सीरीज़ के बाद ऑस्ट्रेलिया ने भारत, दक्षिण अफ्रीका, वेस्ट इंडीज और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हिस्सा लिया लेकिन वाटसन इनमें कामयाब नहीं हुए।

अगर गेंदबाजी के लिहाज से देखें तो 59 टेस्ट मैचों में 75 विकेट का रिकॉर्ड बहुत आकर्षक तो नहीं कहा जा सकता। इन मैचों में वाटसन ने महज तीन बार पारी में पांच विकेट चटकाए। उनके करियर का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन पाकिस्तान के खिलाफ पारी में छह विकेट था, वो भी 2010 में।

इसके अलावा वाटसन अपने भारी भरकम कद काठी के चलते चोटिल भी ज्यादा होते रहे। यही वजह है कि 11 साल के अपने टेस्ट करियर में वाटसन ऑस्ट्रेलिया की ओर से महज आधे टेस्ट मैचों में हिस्सा ले पाए।

हालांकि वाटसन के साथ एक बड़ी मुश्किल ये भी रही कि वे अपनी गलतियों को सुधार नहीं पाए। विकेट के सामने पगबाधा आउट होना रहा हो या फिर सेट होने को बाद लापरवाही में विकेट गंवाना, वाटसन इसमें सुधार कर पाते उनके आॉकड़े कहीं ज्यादा दमदार होते।

अब वाटसन की उम्र भी 34 साल की हो चुकी है, ऐसे में टेस्ट से संन्यास का उन्होंने बिलकुल सही फैसला लिया है। स्टीवन स्मिथ की कप्तानी में टीम को अब फ्रेश चेहरों की ज्यादा जरूरत है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इसके अलावा मिचेल मार्श जैसा जोरदार ऑलराउंडर शेन वाटसन की जगह लेने को बिल्‍कुल तैयार हो चुका है। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई टीम को वाटसन की कमी नहीं खलेगी। वहीं दूसरी ओर दबाव कम होने से वाटसन वनडे और टी-20 क्रिकेट में कुछ जोरदार प्रदर्शन जरूर कर पाएंगे।