यह ख़बर 01 अगस्त, 2013 को प्रकाशित हुई थी

बीसीसीआई के खेल पुरस्कारों की संस्तुति को चुनौती

खास बातें

  • उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी सामाजिक कार्यकर्ता पत्नी डॉ नूतन ठाकुर ने बीसीसीआई द्वारा राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए की गई संस्तुतियों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी सामाजिक कार्यकर्ता पत्नी डॉ नूतन ठाकुर ने बीसीसीआई द्वारा राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए की गई संस्तुतियों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

इस साल बीसीसीआई ने श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए बल्लेबाज विराट कोहली को अर्जुन पुरस्कार और पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर को आजीवन उपलब्धि के लिए ध्यानचंद पुरस्कार दिए जाने की संस्तुति भेजी है।

याचिका के अनुसार, केवल राष्ट्रीय खेल संघ ही इन खेल पुरस्कारों के लिए संस्तुति भेज सकते हैं। खेल और युवा मामले के मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त 51 खेल संघों में बीसीसीआई नहीं आता है। वह गैर-मान्यताप्राप्त पूरी तरह निजी खेल संघ है जो मान्यता प्राप्त नहीं बनना चाहता पर मान्यता प्राप्त खेल संघ की सारी सुविधाएं चाहता है। इसलिए उसे इन पुरस्कारों के लिए संस्तुति करने का अधिकार नहीं है।

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अमिताभ और नूतन ने उच्च न्यायालय से खेल मंत्रालय को बीसीसीआई द्वारा पुरस्कारों के लिए भेजे गए नामों पर विचार न करने का निवेदन किया है।