यह ख़बर 13 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

बीसीसीआई को अस्थाई समिति गठित करने का अधिकार नहीं : आब्दी

नई दिल्ली:

राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) के उपाध्यक्ष महमूद एम. आब्दी ने कहा है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा गठित की गई तदर्थ समिति गैर कानूनी है तथा सिर्फ सहकारी समिति पंजीयक को ही राजस्थान खेल अधिनियम-2005 के तहत समिति गठित करने का अधिकार है।

आब्दी ने कहा कि आरसीए और बीसीसीआई दोनों ही सहकारी समिति पंजीयक द्वारा पंजीकृत संस्थाएं हैं, तथा जरूरत पड़ने पर सिर्फ पंजीयक ही इस तरह की तदर्थ समिति गठित कर सकता है।

कथित तौर पर बीसीसीआई पूर्व बल्लेबाज बृजेश पटेल की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय समिति गठित करने की योजना बना रहा है, जो निलंबित आरसीए की जगह राजस्थान में क्रिकेट के मामलों का कामकाज संभालेगी।

आरसीए के अध्यक्ष एवं इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के वकील आब्दी ने कहा कि यहां तक कि बीसीसीआई का संविधान भी इस तरह की तदर्थ समिति गठित करने की अनुमति नहीं देता।

आब्दी ने बुधवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा, "सहकारी समिति पंजीयक और राजस्थान सरकार ने आज (बुधवार) स्पष्ट कर दिया है कि राजस्थान खेल अधिनियिम-2005 के तहत पंजीयक ही इस तरह की तदर्थ समिति का गठन कर सकता है तथा पंजीयक के अलावा अन्य कोई भी व्यक्ति या संस्था तदर्थ समिति गठित करने की अधिकारी नहीं है। इस तरह की कोई भी तदर्थ समिति राजस्थान खेल अधिनियम-2005 का उल्लंघन होगा।"

बीसीसीआई ने पिछले वर्ष दिसंबर में मोदी के आरसीए का अध्यक्ष चुने जाने के तुरंत बाद इसे निलंबित कर दिया था।

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मीडिया में आई खबरों के अनुसार, बीसीसीआई की समिति ने राज्य सरकार के अधिकारियों से मिलकर राज्य में क्रिकेट के हितों के लिए काम करने को लेकर अपना पक्ष रखा।