'इन दो कारणों' से युवराज सिंह को लेकर राष्ट्रीय सेलेक्टर्स खुश नहीं !

टीम इंडिया में वापसी की कवायद के तहत युवराज सिंह रविवार को एक और बड़े मौके का फायद उठाने में नाकाम रहे.

'इन दो कारणों' से युवराज सिंह को लेकर राष्ट्रीय सेलेक्टर्स खुश नहीं !

युवराज सिंह का फाइल फोटो

खास बातें

  • सेलेक्टर्स चाहें 'पुराना युवराज'!
  • यह धीमापन नहीं ही चलेगा!
  • कर्नाट के खिलाफ युवराज फिर नाकाम
नई दिल्ली:

टीम इंडिया में वापसी के लिए राष्ट्रीय सेलेक्टरों को इंप्रैस करने में जुटे आतिशी बल्लेबाज युवराज सिंह रविवार को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में कर्नाटक के खिलाफ गए मुकाबलें फिर से मिले एक और मौके को नहीं भुना सके. हालांकि, पंजाब ने कर्नाटक को हराकर टूर्नामेंट के सुपर लीग राउंड का अपना पहला मुकाबला जीत लिया है. सोमवार को सुपर लीग के दूसरे मुकाबले में पंजाब का मुकाबला मुंबई से होगा. बहरहाल बीसीसीआी के सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय सेलेक्टर 'दो बड़ी वजहों' से युवराज सिंह से खुश नहीं हैं. 

 


युवराज सिंह के चाहने वालों को फिर से बता दें कि इस दिग्गज बल्लेबाज को टीम इंडिया में वापसी करने के लिए बड़े स्कोर तो करने ही होंगे, नए सिर से फिटनेस टेस्ट भी देना होगा क्योंकि बीसीसीआई ने सीनियर खिलाड़ियों के  लिए नया फिटनेस मानक स्कोर 16.5 से 17.0 करीब-करीब तय कर दिया है. वहीं, युवराज और रैना पिछले पास किए टेस्ट में 16.1 स्कोर को भी नहीं छू सके थे. 

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युवराज सिंह ने कर्नाटक के खिलाफ रविवार को कोलकाता में खेले गए मैच में 25 गेंदों में 29 रन बनाए. उन्होंने इसमें पांच चौके लगाए. युवराज ने लीग राउंड को मिलकर अभी तक टूर्नामेंट में खेले 6 मैचों में 36.75 के औसत से 147 रन बनाए हैं, लेकिन सूत्रों की मानें, तो चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद वाली चयन समिति युवराज सिंह को लेकर दो बातों से खुश नहीं है. अब देखने की बात यह होगी कि युवी सोमवार को मुंबई के खिलाफ अपने प्रदर्शन से सेलेक्टरों को कितना खुश कर पाते हैं.  

VIDEO: जब पिछले साल युवराज और रैना दोनों ही यो-यो फिटनेस टेस्ट में फेल हो गए थे.

बता दें कि युवराज सिंह को लेकर राष्ट्रीय चयनकर्ताओं नाखुशी का सबसे पहला कारण उनका धीमा स्ट्राइक रेट (106.52) है. उन्होंने 6 मैचों में युवराज ने 138 गेंदों पर 147 रन बनाए हैं. जिन दो मैचों में युवराज का स्ट्राइक रेट 100 से कम रहा, उन्हीं दो मैचों मे पंजाब हार गया. वहीं सेलेक्टरों का दूसरा कारण यह है कि युवी छह मैचों में केवल एक ही अर्धशतक बना सके हैं. वह 6 मैचों में अपने नाम के अनुरूप एक भी धमाकेदार पारी नहीं ही खेल सके. 
 

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