बिहार की टीम का रणजी में खेलने का रास्ता साफ, BCCI ने ड्राफ्ट संविधान सुप्रीम कोर्ट को सौंपा

बिहार की टीम 18 साल बाद रणजी ट्रॉफी में खेलेगी. बीसीसीआई ने मंगलवार को ड्राफ्ट संविधान सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिया.

बिहार की टीम का रणजी में खेलने का रास्ता साफ, BCCI ने ड्राफ्ट संविधान सुप्रीम कोर्ट को सौंपा

प्रतीकात्मक फोटो.

खास बातें

  • 18 साल बाद रणजी ट्रॉफी में खेलेगा बिहार
  • बीसीसीआई ने ड्राफ्ट संविधान SC को सौंपा
  • सुप्रीम कोर्ट 11 मई को अगली सुनवाई करेगा
नई दिल्ली:

बिहार की टीम 18 साल बाद रणजी ट्रॉफी में खेलेगी. बीसीसीआई ने मंगलवार को ड्राफ्ट संविधान सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसी साल सितंबर से सभी टूर्नामेंट में बिहार की टीम खेलेगी. इसके बाद बिहार की टीम का रणजी और दूसरे अन्य घरेलू क्रिकेट मैच खेलने का रास्ता भी साफ हो गया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य क्रिकेट एसोसिएशन को कहा कि अगर किसी को ड्राफ्ट संविधान पर अपनी राय देनी है तो 3 दिनों के भीतर एमिक्स गोपाल सुब्रमण्यम को दे दें. इसके साथ ही कल होने वाले महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव अब 11 मई तक नहीं होंगे. कोर्ट ने कहा कि अगर MCA ने संविधान आदेश के मुताबिक नहीं बनाया तो ये अरब सागर में जाएगा. कल के चुनाव को स्थगित करें. सुप्रीम कोर्ट 11 मई को अगली सुनवाई करेगा.

VIDEO  : रणजी ट्रॉफी में खेलेगी बिहार की टीम


सुप्रीम कोर्ट एक स्टेट- एक वोट के फैसले पर फिर से विचार करने को तैयार है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो राज्य क्रिकेट से जुड़े हैं और जिन्होंने ऐतिहासिक भूमिका निभाई है, उन्हें अलग छोड़ा नहीं जा सकता. सुप्रीम कोर्ट क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें BCCI पदाधिकारियों पर अदालत की अवमानना का मामला चलाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि चार जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि बिहार को भी रणजी व अन्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने की इजाजत दी जाए, लेकिन BCCI ने विजय हजारे ट्रॉफी और IPL में बिहार के खिलाड़ियों को शामिल नहीं किया.


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