यह ख़बर 30 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

ब्लैकबेरी फोन पर इंटरसेप्टिंग के लिए राजी हुई बड़ी दूरसंचार कंपनियां

खास बातें

  • देश की बड़ी दूरसंचार सेवा कंपनियां ब्लैकबेरी स्मार्ट फोन के संदेशों को तत्क्षण पकड़ने की सुविधा देने पर राजी हो गई हैं। यह सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार ने अंतिम समयसीमा 31 दिसंबर तय की थी।
नई दिल्ली:

देश की बड़ी दूरसंचार सेवा कंपनियां ब्लैकबेरी स्मार्ट फोन के संदेशों को तत्क्षण पकड़ने की सुविधा देने पर राजी हो गई हैं। यह सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार ने अंतिम समयसीमा 31 दिसंबर तय की थी।

ब्लैकबेरी बनाने वाली कनाडा स्थित कंपनी रिसर्च इन मोशन (रिम) ने इस समस्या का समाधान प्रदान कर दिया था और अब ब्लैकबेरी की सेवाओं की वास्तविक आधार पर कानूनन इंटरसेप्टिंग की जा सकेगी।

सूत्रों ने रविवार को बताया कि केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों को ब्लैकबेरी की सभी सेवाओं को वास्तविक आधार पर इंटरसेप्ट करने के लिए कहा था। भारती एयरटेल और टाटा सहित सभी बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियां शुरुआत में इसके लिए तैयार नहीं थीं लेकिन अब सभी राजी हैं और वे इसके लिए साफ्टवेयर लगाएंगी।

रिम के भारत में दस लाख ग्राहक हैं। सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने ब्लैकबेरी सेवाएं देने वाली कनाडा की कंपनी रिम से भारत में सर्वर लगाने के लिए कहा था और वह मुंबई में सर्वर लगाने पर राजी हो गई।

वोडाफोन और टाटा इस तरह की सुविधा देने वाली शुरुआती कंपनियों में से थीं। उसके बाद भारती एयरटेल भी राजी हो गई। उसने दूरसंचार विभाग से कहा कि वह उपकरण की जांच के लिए तैयार है।

रिम ने एक बयान में कहा कि रिम ने अब एक ऐसा समाधान दिया है जो भारतीय वायरलेस सेवाप्रदाता कंपनियों के लिए कानूनन टैपिंग की आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होगा। ब्लैकबेरी की मैसेंजर और इंटरनेट सेवाओं की अब इंटरसेप्टिंग की जा सकेगी।

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इंटरसेप्टिंग वह जरिया है, जो सुरक्षा एजेंसियों को उन संदेश और बातचीत तक ‘एक्सेस’ प्रदान करेगा, जिनका आदान प्रदान ब्लैकबेरी सेवाओं के जरिये होता है। यह सुविधा हासिल होने के बाद सुरक्षा एजेंसियां किसी भी संवाद या संदेश को कानूनन हासिल कर सकेंगी। देश के आंतरिक सुरक्षा खतरों को देखते हुए गृहमंत्रालय ने यह फैसला किया था।