कोलंबो की हलचल : नमन बने भारत के 285वें टेस्ट खिलाड़ी

कोलंबो की हलचल : नमन बने भारत के 285वें टेस्ट खिलाड़ी

कप्तान विराट कोहली ने नमन ओझा को टेस्ट कैप और जर्सी दी।

कोलंबो:

विकेटकीपर बल्लेबाज नमन ओझा भारत के 285वें टेस्ट खिलाड़ी बन गए हैं। कोलंबो के एसएससी यानी सिंहलीज स्पोर्ट्स क्लब ग्राउंड पर तीसरा टेस्ट शुरू होने के पहले उन्हें कप्तान विराट कोहली ने टेस्ट कैप और जर्सी दी। टीम डाइरेक्टर रवि शास्त्री सहित पूरी टीम ने 32 साल के ओझा को बधाई दी। ओझा ने 2010 में एक वनडे खेला था। उसके बाद से उन्हें कोई अंतराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
 

टीम डाइरेक्टर रवि शास्त्री ने ओझा को टेस्ट पदार्पण पर बधाई दी। 

मध्यप्रदेश के उज्जैन के ओझा आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते हैं। पिछले साल इंडिया ए की तरफ से ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने लगातार तीन शतक ठोंके। इसमें एक दोहरा शतक भी शामिल था। यह संयोग है कि आज के दिन ही 1992 में मुथैया मुरलीधरन को टेस्ट कैप मिली थी।

कोहली के स्मैश से बचना मुश्किल
क्या आप जानते हैं कि भारतीय टेस्ट विराट कोहली बैडमिंटन भी बहुत अच्छा खेलते हैं। दूसरे टेस्ट में दमदार जीत और कुमार संगकारा को विदाई देने के बाद टीम इंडिया के कुछ खिलाड़ी पी सारा ओवल ग्राउंड के बैडमिंटन कोर्ट पर पर पहुंच गए। लोकेश राहुल और रविचंद्रन अश्विन बहुत ही अच्छा खेल रहे थे। तभी कप्तान कोहली अपनी गर्लफ्रेंड अनुष्का शर्मा से स्काइप चैट खत्म कर कोर्ट पर आ धमके....'अभी सबको मजा चखाता हूं' के अंदाज में।\
 


चेतेश्वर पुजारा हरभजन सिंह और अमित मिश्रा को उन्होंने भगा-भगाकर छक्के छुड़ा दिए। उनके स्मैश से मिश्रा को अपना चेहरा बचाना मुश्किल हो रहा था। भज्जी पर कोहली तंज कस रहे थे- थोड़ा भाग भी लिया करो पाजी। अंतराष्ट्रीय करियर शुरू करने के 17 साल बाद 35 साल के हरभजन सिंह शायद मौजूदा टीम में घुलमिल नहीं पा रहे।
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अपनी भाषा में हो प्रेस कॉन्फ्रेंस
हिंदी कॉमेंट्री का जमाना है, लेकिन भारतीय क्रिकेटर अब भी आमतौर पर हिंदी सवालों का जवाब भी अंग्रेजी में देते हैं। आपको यह जानकर थोड़ी हैरानी होगी कि श्रीलंकाई क्रिकेटर अपनी भाषा का खासतौर पर ध्यान रखते हैं। विदेशी पत्रकारों के सवालों के बाद स्थानीय पत्रकारों को सिंहलीज में प्रश्न पूछने का मौका दिया जाता है। दक्षिण अफ्रीका हो या फिर बांग्लादेश ही क्यों नहीं, सभी देशों के क्रिकेटर और टीम मैनेजमेंट विदेशी दौरों पर अपने देश की मीडिया का खास ख्याल रखते हैं। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीम तो अपने देश की मीडिया के लिए अलग से प्रेस-कॉन्फ्रेंस करते हैं।