यह ख़बर 26 जनवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

धर्मशाला वनडे : जीत के साथ शृंखला का अंत करने उतरेगा भारत

खास बातें

  • शृंखला पहले ही अपने नाम कर चुका भारत रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले महज औपचारिकता के पांचवें और अंतिम एकदिवसीय क्रिकेट मैच में जीत के साथ शृंखला का अंत करना चाहेगा।
धर्मशाला:

शृंखला पहले ही अपने नाम कर चुका भारत रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले महज औपचारिकता के पांचवें और अंतिम एकदिवसीय क्रिकेट मैच में जीत के साथ शृंखला का अंत करना चाहेगा।

शृंखला में 4-1 की जीत के साथ भले ही इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट शृंखला में हार के घाव नहीं भरेंगे, लेकिन निश्चित तौर पर माइकल क्लार्क की ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले महेंद्र सिंह धोनी की टीम इंडिया का मनोबल बढ़ेगा। कप्तान धोनी भी काफी अच्छा महसूस कर रहे होंगे, क्योंकि उन्होंने सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया है और अधिक जिम्मेदारी भरा खेल दिखाया है।

धोनी निश्चित तौर पर चाहेंगे कि भारत जब देश के 43वें अंतरराष्ट्रीय आयोजन स्थल पर उतरे, तो भारतीय टीम पिछले तीन मैचों की फॉर्म को बरकरार रखे, जहां उसने विरोधी टीम को आसानी से हराया। भारत पहले ही शृंखला में 3-1 की निर्णायक बढ़त ले चुका है, जिससे रविवार को होने वाला मैच महज औपचारिकता का है, लेकिन टीम प्रबंधन और राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को कुछ विभागों पर ध्यान देना होगा।

चेतेश्वर पुजारा को एकदिवसीय पदार्पण का इंतजार है और सौराष्ट्र के इस बल्लेबाज को अंतत: यह मौका मिल सकता है, क्योंकि उन्हें मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी फाइनल के लिए भी रिलीज नहीं किया गया है। धोनी आमतौर पर जांचे-परखे संयोजन के साथ उतरने को ही तरजीह देते हैं और इसे देखते हुए यह देखना रोचक होगा कि अब तक बैंच पर बैठे रहने वाले पुजारा और अमित मिश्रा को अपना कौशल दिखाने का मौका मिलता है या नहीं।

कप्तान ने पिछले मैच में रोहित शर्मा से पारी की शुरुआत करने का दांव खेला था, जो चल पड़ा। इसे देखते हुए दूसरे सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर पर दबाव बढ़ गया है और दिल्ली के इस बल्लेबाज को मौके का पूरा फायदा उठाना होगा, क्योंकि शायद उन्हें आगे अधिक मौक नहीं मिले।

पहले तीन वनडे में बड़ी पारी खेलने में विफल रहे अजिंक्य रहाणे को भले ही पिछले मैच में अंतिम एकादश से बाहर होना पड़ा हो, लेकिन इस युवा खिलाड़ी को भविष्य में और मौके मिलने की उम्मीद है। अगर रोहित सलामी बल्लेबाज की भूमिका में फिट हो जाते हैं और रहाणे को और अधिक मौके देने का फैसला किया जाता है, तो संभवत: गंभीर के पास आने वाले कुछ समय के लिए सीमित ओवरों के मैचों में अंतिम मौका हो सकता है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

सुरेश रैना अच्छे फिनिशर की भूमिका में खरे उतरने लगे हैं, जबकि विराट कोहली रांची जैसी पारी खेलकर सीरीज का अच्छा अंत करना चाहेंगे। शृंखला का अंतिम मैच धर्मशाला से बेहतर जगह नहीं खेला जा सकता था, जो दुनिया के सबसे खबसूरत क्रिकेट मैदानों में से एक हैं और न्यूलैंड्स के केपटाउन या क्वीन्सटाउन के जॉन डेविस ओवल को टक्कर देता है।