लोढ़ा समिति सुझाव पर दिलीप वेंगसरकर और किरण मोरे ने कहा, तीन चयनकर्ता पर्याप्त नहीं

लोढ़ा समिति सुझाव पर दिलीप वेंगसरकर और किरण मोरे ने कहा, तीन चयनकर्ता पर्याप्त नहीं

किरण मोरे और दि्लीप वेंगसरकर

नई दिल्ली:

चयन समिति के पूर्व प्रमुखों दिलीप वेंगसरकर और किरन मोरे ने न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर सवाल उठाए हैं जिन्होंने राष्ट्रीय चयन पैनल के सदस्यों की संख्या पांच से घटाकर तीन करने का प्रस्ताव रखा था।

लोढ़ा समिति ने उच्चतम न्यायालय को सौंपी रिपोर्ट में कई सुधारवादी कदमों का प्रस्ताव रखा था जिसमें पांच सदस्यों की चयन समिति को घटाकर उसमें टेस्ट खेल चुके तीन पूर्व खिलाड़ियों को जगह देना शामिल था। साथ ही राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की मदद के लिए प्रतिभा समिति के गठन की सिफारिश की गई थी।

वेंगसरकर ने कहा, ‘‘खेल अब छोटे शहरों में भी फैल गया है। बीसीसीआई सभी संघों को अनुदान दे रहा है और इसके बदले में वे युवाओं को खेलने से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बुनियादी ढांचा तैयार कर रहे हैं। इसलिए खिलाड़ियों के पूल में इजाफा हुआ है।’’ फिलहाल राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के निदेशक वेंगसरकर से जब यह पूछा गया कि क्या तीन चयनकर्ता पर्याप्त होंगे तो उन्होंने कहा कि अधिक होना बेहतर होगा।

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उन्होंने कहा, ‘‘किसी चयन पर कई बार अधिक नजरिये सामने आने से मदद मिलती है।’’ पूर्व भारतीय विकेटकीपर मोरे ने कहा, ‘‘भारत इतना बड़ा देश है। फिलहाल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (घरेलू टी-20 टूर्नामेंट) चार स्थलों पर खेला जा रहा है। अगर तीन चयनकर्ता होंगे तो वे कितने मैच देख पाएंगे।’’