सचिन तेंदुलकर पर भी भारी पड़े जो रूट... पढ़ें, नंबर वन बल्लेबाज की 10 खास बातें

सचिन तेंदुलकर पर भी भारी पड़े जो रूट... पढ़ें, नंबर वन बल्लेबाज की 10 खास बातें

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

एशेज सीरीज में इंग्लैंड को जीत दिलाने में युवा बल्लेबाज जो रूट का अहम योगदान रहा है। मौजूदा सीरीज में दो शतकों की मदद से रूट ने अब तक सबसे ज्यादा रन बनाए हैं।

इतना ही नहीं वह टेस्ट में नंबर एक बल्लेबाज भी बन गए हैं। आइए एक नजर डालते हैं उनके करियर से जुड़ी 10 खास बातों पर :
 
1. जो रूट महज 25 साल में ही टेस्ट में नंबर एक बल्लेबाज बन गए हैं। वह टेस्ट इतिहास में इस मुकाम तक पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के बल्लेबाज हैं। सचिन तेंदुलकर 1999 में जब नंबर वन बल्लेबाज बने थे, तब उनकी उम्र 25 साल से ज्यादा थी, इस लिहाज से देखें तो रूट ने सचिन को पीछे छोड़ दिया है।

2. जो रूट ने एशेज सीरीज के अंतर्गत नॉटिंघम में खेले गए टेस्ट में अपना तीसरा एशेज टेस्ट शतक पूरा किया। वह 25 साल की उम्र में सबसे ज्यादा शतक बनाने वाले इंग्लिश बल्लेबाज बन गए हैं। इस सूची में ऑस्ट्रेलिया की ओर से डॉन ब्रैडमैन 7 शतकों के साथ बहुत आगे हैं।

3. 25 साल से कम उम्र में जो रूट ने इंग्लैंड की ओर से अब तक 8 शतक बनाए हैं। रूट ओवल टेस्ट में शतक बनाकर एलिस्टर कुक के 9 शतकों के रिकॉर्ड की बराबरी कर सकते हैं।

4. जो रूट ने दिसंबर, 2012 में भारत के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। रूट ने नागपुर टेस्ट की डेब्यू पारी में 73 रन बनाए थे।
 
5. रूट ने अब तक 31 टेस्ट मैच में 2716 रन बनाए हैं। जिसमें एक दोहरा शतक सहित आठ शतक शामिल हैं और उनकी बल्लेबाजी का औसत 56 से ज्यादा का रहा है।
 
6. अब तक की बल्लेबाजी में जो रूट का भारत के खिलाफ शानदार प्रदर्शन रहा है। उन्होंने भारत के खिलाफ 6 टेस्ट मैचों में 611 रन बनाए हैं, जिसमें दो शतक शामिल हैं और उनकी बल्लेबाजी का औसत 101 से भी ज्यादा का रहा है।

7. जो रूट की बल्लेबाजी की सबसे खास बात यह है कि वह विकेट के दोनों तरफ रन बटोरने में माहिर हैं। यही वजह है कि रूट ने विकेट के दोनों तरफ लगभग एकसमान रन बनाए हैं। ऑफ स्टंप की ओर रूट ने अब तक अपने करियर में 51 फ़ीसदी रन बनाए हैं, जबकि लेग स्टंप पर उन्होंने 49 फीसदी रन बनाए हैं।
 
8. उनको इंग्लिश क्रिकेट का भविष्य भी माना जा रहा है। इसके पीछे केवल उनकी बल्लेबाजी का योगदान नहीं है, बल्कि क्रिकेट की समझ को लेकर भी उन्हें काफी बेहतरीन क्रिकेटर माना जाता है। कम उम्र में उपकप्तानी सौंपे जाने के बाद उन्हें भविष्य का कप्तान भी माना जा रहा है।

9. कम ही लोग जानते होंगे कि जो रूट को उनके माता-पिता बचपन से ही क्रिकेटर बनाना चाहते थे। जन्म के महज दो दिन बाद ही उनके पिता मैट रूट ने अपने बेटे की तस्वीर खास अंदाज में बनवाए गए छोटे बैट के साथ खींची थी। मैट खुद दक्षिण यार्कशायर की ओर से खेलने वाले शानदार बल्लेबाज थे।

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10. यही वजह रही है कि रूट में क्रिकेट के संस्कार बचपन में ही आ गए थे। बचपन से लेकर युवा क्रिकेटर तक के सफर में उनके कंबल के नीचे हमेशा बैट होता था, मतलब उन्हें बैट के साथ सोने की आदत पड़ चुकी थी। हालांकि फुटबॉल में भी उनकी दिलचस्पी थी। 11 साल की उम्र में उनका दाखिला नॉटिंघम के फुटबॉल अकादमी में भी कराया गया था, लेकिन क्रिकेट के प्रति लगाव के चलते उन्होंने जल्द ही फुटबॉल से नाता तोड़ लिया।