यह ख़बर 21 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

फ्लेचर ने दिमागी लड़ाई जीतने की कला सिखाई : ओझा

खास बातें

  • ओझा ने कहा है कि कोच डंकन फ्लेचर ने ऑस्ट्रेलिया द्वारा अपनाए जा रहे दिमागी खेल से निपटने के लिए एक विशेष बैठक बुलाई और इस सम्बंध में विस्तार से चर्चा की।
कैनबरा:

भारतीय क्रिकेट टीम के बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज प्रज्ञान ओझा ने कहा है कि कोच डंकन फ्लेचर ने ऑस्ट्रेलिया द्वारा अपनाए जा रहे दिमागी खेल से निपटने के लिए एक विशेष बैठक बुलाई और इस सम्बंध में विस्तार से चर्चा की। ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेली जानी है। इसका पहला मैच 26 दिसम्बर से खेला जाएगा। इस श्रृंखला से पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए दिमागी खेल जारी रखे हुए है। ओझा ने मानुका ओवल मैदान पर आयोजित तीन दिवसीय अभ्यास मैच के बाद कहा, "फ्लेचर के पास अपार अनुभव है। वह खेल के बारे में काफी कुछ जानते हैं। हमने दिमागी खेल को लेकर एक बैठक की। इस बैठक में कई बातों पर चर्चा हुई लेकिन मनोवैज्ञानिक लड़ाई पर ज्यादा जोर दिया गया।" फ्लेचर पहले ही अपने खिलाड़ियों से कह चुके हैं कि वे दिमागी खेल में न उलझकर अपने खेल पर ध्यान दें। इंग्लैंड के पूर्व कोच रह चुके फ्लेचर अच्छी तरह जानते हैं कि मैदान के बाहर की घटनाओं में उलझने से टीम का प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है। ओझा ने कहा, "फ्लेचर ने बैठक में हमें बताया कि हमें मानसिक तौर पर मजबूत बने रहना होगा। इससे यही होगा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने का प्रयास करेगी लेकिन उसका कोई असर नहीं होगा।" "कोच ने कहा कि खुद के संयमित बनाए रखते हुए गेंद और बल्ले के साथ मैदान पर अपने प्रदर्शन पर ध्यान लगाना अधिक फायदेमंद रहेगा। मेजबान टीम बार-बार दिमागी लड़ाई में उलझाने का प्रयास करेगी लेकिन इससे दूर रहने के लिए खुद को मजबूत बनाए रखना जरूरी होगा।" ओझा ने कहा कि आगामी श्रृंखला के मद्देनजर उनकी टीम अपना काम बखूबी कर रही है। इस क्रम में आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की कमियों और मजबूतियों का पता लगाने का भी काम पूरा कर लिया गया है। बकौल ओझा, "ऑस्ट्रेलिया पहुंचने से पहले ही हमने इस टीम की मजबूतियों और कमियों का पता लगा लिया था। अब हम इसी आधार पर अपनी रणनीति तैयार करेंगे और मैदान में उसे मूर्त रूप देने का प्रयास करेंगे।"


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