...तो इसलिए नाकाम हो गए क्रिस गेल

क्रिस गेल की फाइल फोटो

नई दिल्ली:

पर्थ में क्रिस गेल एक बार फिर नाकाम रहे। उन्होंने वेस्टइंडीज़ के लिए 27 गेंदों पर 21 रन जरूर बनाए। लेकिन अपनी पारी की शुरुआत से ही क्रिस गेल रंग में नहीं नजर आ रहे थे।
 
11 गेंद पर उन्होंने खाता खोला उसके बाद कुछ शाट्स भी खेले। दूसरी ही शाट्स पर उनका कैच छूट गया। इसके बाद तुरंत उन्होंने हवा में एक बार फिर गेंद उछाल दी, कैच तो नहीं लपका गया, लेकिन मोहित शर्मा के थ्रो के चलते मर्लोन सैमुअल्स रन आउट हो गए।
 
जाहिर है गेल पर दबाव बढ़ने लगा था, लेकिन वे गेंद को अपने बैट से मिडिल नहीं कर पा रहे थे। यही वजह है कि शमी की एक शार्ट पिच गेंद पर उनका पुल शॉट हवा में चला गया और मोहित शर्मा ने इस बार कोई चूक नहीं की।  

इस मुक़ाबले से पहले क्रिस गेल पीठ की तकलीफ से बेहद परेशान थे। हालांकि मैच से ठीक पहले वाले अभ्यास सत्र में उन्होंने हिस्सा जरूर लिया, लेकिन बल्लेबाज़ी के दौरान वे सहज नहीं दिख रहे थे।

इस पारी के साथ ही गेल बीते 9 साल से टीम इंडिया के खिलाफ अपनी नाकामी के सिलसिले से उबर नहीं पाए।
 
उन्होंने भारत के ख़िलाफ़ अपना आखिरी शतक 2006 में बनाया था। इसके बाद उन्होंने भारत के खिलाफ 20 वनडे मैच खेले हैं, इसमें कोई शतक नहीं बना पाए हैं। इन मैचों में उन्होंने 471 रन बनाए हैं, वो भी महज 23 की औसत से।
 
इतना ही नहीं पर्थ की वाका पिच पर भी उनकी नाकामी का सिलसिला जारी रहा। भले ही दुनिया के किसी भी मैदान पर तूफानी पारी खेलने का दम रखते हों, लेकिन हकीकत यही है कि पर्थ के वाका मैदान पर अब तक उनका बल्ला खामोश रहा है। पर्थ में क्रिस गेल ने अब तक चार वनडे मैच खेले हैं और इन तीन मैचों में उनका स्कोर रहा है- 0, 4, 4 और 21...।

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इस वर्ल्ड कप में उन्होंने जिंबाब्वे के खिलाफ वन-डे का सबसे तेज दोहरा शतक जरूर बनाया लेकिन बाकी चार मैचों में वे महज 63 रन बना पाए हैं।