यह ख़बर 10 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

द्रविड़ को इंग्लैंड दौरे के बाद ही संन्यास लेना चाहिए था : गांगुली

खास बातें

  • सौरव गांगुली का मानना है कि राहुल द्रविड़ को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट शृंखला में किए अपने शानदार प्रदर्शन के बाद ही संन्यास ले लेना चाहिए था।
नई दिल्ली:

पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली का मानना है कि राहुल द्रविड़ को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट शृंखला में किए अपने शानदार प्रदर्शन के बाद ही संन्यास ले लेना चाहिए था और राहुल के संन्यास लेने की घोषणा से उन्हें कोई हैरानी नहीं हुई है। गांगुली ने शुक्रवार को फिरोजशाह कोटला मैदान पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि राहुल को इंग्लैंड दौरे के बाद ही संन्यास ले लेना चाहिए था, लेकिन द्रविड़ का संन्यास लेने का यह सही फैसला है।’’

द्रविड़ ने गांगुली की कप्तानी में कई यादगार पारियां खेलीं। गांगुली ने कहा कि द्रविड़ का यह फैसला चयनकर्ताओं को जवाब है। द्रविड़ का यह फैसला एक तरह से चयनकर्ताओं के लिए जवाब है कि अब भारतीय टीम में भी बदलाव की जरूरत है। भारतीय टीम विदेशी धरती पर लगातार आठ टेस्ट हार चुकी है, जो अच्छा संकेत नहीं है।

गांगुली ने कहा, ‘‘द्रविड़ उस समय खेलने आया था, जब भारतीय क्रिकेट टीम परिवर्तन के दौर से गुजर रही थी और अब जब वह क्रिकेट छोड़ रहा है, तब भी टीम को परिवर्तन की जरूरत है।’’ यह पूछने पर कि अब टीम में तीसरे नंबर की जगह कौन भरेगा, गांगुली ने कहा, ‘‘हो सकता है कि राहुल की जगह फिलहाल नहीं भर पाए, लेकिन द्रविड़ हमेशा के लिए तो नहीं खेल सकता। उसे 13,000 हजार रन बनाने में 16 साल लगे हैं।’’

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भारतीय टीम में द्रविड़ के विकल्प के बारे में पूछने पर गांगुली ने कहा, ‘‘विराट कोहली अच्छा खेल रहा है, जबकि रोहित शर्मा बहुत प्रतिभाशाली है, लेकिन अभी उसे खुद को साबित करना होगा। इसके अलावा मनोज तिवारी और चेतेश्वर पुजारा भी अच्छा खेल रहे हैं।’’ द्रविड़ की एक सर्वश्रेष्ठ पारी के बारे में पूछने पर गांगुली ने कहा, ‘‘कलकत्ता (अब कोलकाता) में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली 180 रन की पारी मेरी सूची में सबसे ऊपर है, जबकि हेडिंग्ले में 148 रन की पारी भी अच्छी थी।’’