गावस्कर ने कहा, दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों में तकनीक और धैर्य की कमी

गावस्कर ने कहा, दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों में तकनीक और धैर्य की कमी

सुनील गावस्कर

नई दिल्ली:

पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वर्तमान टेस्ट श्रृंखला में पिचों को लेकर हो रही आलोचना को दरकिनार करते हुए कहा कि दिक्कत दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों में है जिनमें तकनीक और धैर्य की कमी है।

भारत ने मोहाली और नागपुर में पहला और तीसरा टेस्ट मैच जीता। यह दोनों टेस्ट टर्निंग विकेट पर तीसरे दिन समाप्त हुए। इसके बाद पिचों की कड़ी आलोचना हुई थी। कोटला की पिच को हालांकि बेहतर माना जा रहा था लेकिन दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत के 334 रन के जवाब में 121 रन पर ढेर हो गई।

नागपुर की पिच में कोई गड़बड़ी नहीं
गावस्कर ने कहा, ‘नागपुर में भी पिच में कोई गड़बड़ी नहीं थी। वह थोड़ा टर्न ले रही थी। यदि आप ऐसी पिचों पर खेलने की उम्मीद कर रहे हो जिसमें गेंद सीधे बल्ले पर आए तो ईमानदारी से कहूं कि सड़क पर जाकर खेलना चाहिए, क्योंकि सड़क पर ही गेंद सीधी आएगी। ’ अंजिक्य रहाणे की 127 रन की पारी की तारीफ करते हुए गावस्कर ने कहा कि दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज यदि भारत के मध्यक्रम के बल्लेबाज से सीख लेते तो उनका स्कोर बेहतर रहता। उन्होंने कहा, ‘भारत ने शानदार क्रिकेट खेली। रहाणे और अश्विन (56) ने वास्तव में बहुत अच्छी बल्लेबाजी की और बाद में गेंदबाजों ने अच्छी भूमिका निभाई। रहाणे ने बेहतरीन क्रिकेट खेली। यह ठेठ टेस्ट पारी थी। उन्होंने अपने शरीर के करीब बल्ला लाकर बल्लेबाजी की। यदि दक्षिण अफ्रीका ने उसका अनुसरण किया होता तो उनका स्कोर कार्ड बेहतर दिखता। ’

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फालोआन देने का फैसला सही
गावस्कर से पूछा गया कि क्या भारत का दक्षिण अफ्रीका को फालोआन नहीं देने का फैसला सही है, उन्होंने कहा, ‘हां मुझे लगता है कि यह फैसला सही है। चौथी पारी में बल्लेबाजी करना आसान नहीं होगा और दक्षिण अफ्रीका के लिए यह बेहद मुश्किल होगा। ’ भारत सीमित ओवरों की श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया था और गावस्कर ने कहा कि इस पर उन्हें हैरानी हुई। उन्होंने कहा, ‘हां मुझे थोड़ी हैरानी हुई। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि दक्षिण अफ्रीका ने अपने सबसे अनुभवी और विश्व स्तरीय गेंदबाज डेल स्टेन को गंवाया। अन्य गेंदबाजों में से अधिकतर अनुभवहीन हैं। ’