सौरव गांगुली ने बताया, अच्‍छे कोच को इस काम में भी होना चाहिए माहिर....

सौरव गांगुली ने आज अक्सर की जाने वाली टिप्पणी 'क्रिकेट कप्तान का खेल होता है' का उपयोग किया.

सौरव गांगुली ने बताया, अच्‍छे कोच को इस काम में भी होना चाहिए माहिर....

खास बातें

  • टीम इंडिया के पूर्व कप्‍तान बोले-क्रिकेट कप्‍तान का खेल होता है
  • अच्‍छे कोच को मानव प्रबंधन कौशल की भी जरूरत होती है
  • 'वीरू' के दो लाइन का बायोडाटा भेजने की खबर को बताया गलत
कोलकाता:

सौरव गांगुली ने आज अक्सर की जाने वाली टिप्पणी 'क्रिकेट कप्तान का खेल होता है' का उपयोग किया. उन्‍होंने कहा कि मानव प्रबंधन और परिस्थिति को अच्छी तरह से समझना अच्छे कोच के लक्षण होते हैं. विराट कोहली और अनिल कुंबले के बीच मतभेदों के बीच इस पूर्व कप्तान ने कहा, 'मेरा मानना है कि क्रिकेट कप्तान का खेल होता है. कोच ऐसा होना चाहिए जो टीम की मदद कर सकता हो और टीम की प्रगति में मदद करे.' अब क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य गांगुली ने कहा, 'प्रभावशाली प्रस्तुति से आप अच्छे कोच नहीं बनते. अच्छा कोच बनने के लिये कई चीजों की जरूरत पड़ती है जैसे कि मानव प्रबंधन कौशल और स्थिति को अच्छी तरह से समझने का कौशल.' उन्होंने कहा कि कोहली-कुंबले विवाद बीती बात है और उसे पीछे छोड़ देना चाहिए.

गांगुली ने कहा, 'हमें भारतीय क्रिकेट के लिये जो भी अच्छा लगेगा हम वह करेंगे. हमने अनिल कुंबले की नियुक्ति के समय भी ऐसा किया था. उन्होंने हमें अच्छे परिणाम दिए.' गांगुली ने कहा कि उन्होंने कोच पद के लिए वीरेंद्र सहवाग का बायोडाटा देखा और जैसा कि मीडिया में कहा गया था यह दो पंक्तियों का नहीं है.

उन्होंने कहा, 'मैंने सहवाग का सीवी देखा था. यह दो पंक्तियों का नहीं था. उन्होंने अपना संपूर्ण बायोडाटा भेजा है. लेकिन क्या आप सीवी भेजकर भारत का कोच बन सकते हैं? कोच मैदान पर बनते हैं. सहवाग और उनके कौशल को सभी जानते हैं. इसलिए यह मसला नहीं है. हम बैठेंगे, बात करेंगे और फिर अंतिम फैसला देंगे. अभी किसी का नाम लेना मुश्किल है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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