यह ख़बर 30 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

आईसीसी ने रंगीन गेंद के साथ दी डे-नाइट टेस्ट को मंजूरी

खास बातें

  • आईसीसी ने बयान में कहा, भागीदार देश दिन-रात्रि टेस्ट मैच खेलने पर राजी हो सकते हैं। घरेलू और मेहमान टीम के बोर्ड खेल के समय तथा गेंद के ब्रांड, टाइप और रंग पर फैसला करेंगे।
दुबई:

आईसीसी ने दिन-रात्रि टेस्ट मैच को मंजूरी दे दी है। इसमें हालांकि गेंदों के रंग पर फैसला सदस्य बोर्ड करेंगे। श्रीलंका और न्यूजीलैंड के बीच शुरू होने वाली टेस्ट, एकदिवसीय और ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की शृंखला से पूर्व खेल से संबंधित नए नियमों को लेकर यह घोषणा की गई है।

ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे देश पिछले कुछ समय से दिन-रात टेस्ट मैचों पर प्रयोग कर रहे हैं और आईसीसी के इस फैसले के बाद लम्बी अवधि के प्रारूप के मैच जल्द ही दूधिया रोशनी में खेले जा सकते हैं। आईसीसी ने बयान में कहा, भागीदार देश दिन-रात्रि टेस्ट मैच खेलने पर राजी हो सकते हैं। घरेलू और मेहमान टीम के बोर्ड खेल के समय तथा गेंद के ब्रांड, टाइप और रंग पर फैसला करेंगे। आईसीसी ने इसके साथ ही खेल की परिस्थितियों में काफी बदलावों की भी घोषणा की।

इसमें पावरप्ले, एकदिवसीय मैचों में शॉर्ट पिच, गेंद और क्षेत्ररक्षण की पाबंदी, टेस्ट और वनडे में निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस), नोबॉल, डेड बॉल, ओवर रेट तथा टी-20 में एक ओवर के एलिमिनिटेर शामिल हैं। इसमें कहा गया है, टेस्ट, वन-डे और ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय खेलों के लिए खेल की नई परिस्थितियां श्रीलंका और न्यूजीलैंड के बीच पाल्लेकल में 30 अक्तूबर से शुरू होने वाली शृंखला से लागू होंगे। आईसीसी क्रिकेट समिति की सिफारिशों के बाद आईसीसी बोर्ड ने संशोधनों को मंजूरी दे दी है।

आईसीसी ने कहा कि बिना पावरप्ले वाले ओवरों में 30 गज की सीमा से बाहर चार से अधिक क्षेत्ररक्षकों को रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आईसीसी और टेस्ट में लागू डीआरएस के बारे में आईसीसी ने कहा कि एलबीडब्ल्यू से संबंधित उपबंध में संशोधन किया गया है।

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टेस्ट, वनडे और टी-20 में नोबॉल के बारे में कहा गया है कि पांव की नोबॉल के लिए तीसरे अंपायर की मदद ली जा सकती है और यदि तीसरा अंपायर समझता है कि नोबॉल थी तो वह मैदानी अंपायर को बल्लेबाज के आउट होने की दशा में उसे नाबाद और नोबॉल का संकेत दे सकता है।